लोकसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी दिसंबर, 2018 में ये बिल लोकसभा से पास हो गया था. लेकिन राज्यसभा में इसपर बहस नहीं हो सकी थी. बता दें कि पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने इस पर सख्त कानून बनाने का फैसला किया था.
बिल की खास बातें
- एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी और अवैध होगा
- ऐसा करने वाले पति को होगी तीन साल के कारावास की सजा
- तीन तलाक देना गैरजमानती और संज्ञेय अपराध होगा
- पीड़िता को मिलेगा गुजारा भत्ता का अधिकार
- मजिस्ट्रेट करेंगे इस मुद्दे पर अंतिम फैसला
- जम्मू-कश्मीर को छोड़ कर पूरे देश में लागू होना है
लोकसभा में तीन तलाक बिल पास होने से पहले केंद्रीय कानून मंत्री ने रविशंकर प्रसाद ने बताया कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से 24 जुलाई तक तीन तलाक के 345 मामले आ चुके हैं. प्रसाद ने कहा कि क्या इन महिलाओं को सरकार ऐसे ही सड़क पर छोड़ दे.
इसे पहले सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था. क्योंकि लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद वो राज्यसभा में अटक गया था. मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश- 2019 के तहत तीन तलाक अवैध, अमान्य है. इसके मुताबिक अगर कोई भी पति अपनी पत्नी को तीन तलाक देने की कोशिश करता है तो उसे इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है.
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