ADVERTISEMENTREMOVE AD

देहरादून: 2 कॉलेजों का कश्मीरी छात्रों को एडमिशन देने से इनकार

देश के कई हिस्सों से कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाए जाने की खबरें आ रही हैं. 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद देश के कई हिस्सों से कश्मीरी स्टूडेंट को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं. इसी बीच उत्तराखंड के देहरादून से एक खबर सामने आई कि वहां के दो कॉलेजों ने आगामी सेशन में कश्मीरी स्टूडेंट्स को एडमिशन देने से इनकार कर दिया.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस इस खबर को सामने लेकर आया. बताया जा रहा है कि कई कश्मीरी स्टूडेंट अस्थाई तौर पर देहरादून छोड़ चुके हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक लेटर के जरिए सामने आई बात

15 फरवरी को बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी के प्रिंसिपल डॉ. असलम सिद्दीकी ने एक लेटर लिखा. इस लेटर में लिखा गया, ''नए सत्र में किसी भी छात्र को दाखिला नहीं दिया जाएगा.'' यह लेटर छात्रों की एक यूनियन को वचन देते हुए लिखा गया.

लेटर में लिखा गया, ‘’छात्र के संघ के अध्यक्ष, हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि कोई भी कश्मीरी छात्र देश-विरोधी गतिविधि करते पाया गया तो उसे इंस्टीट्यूट से बाहर कर दिया जाएगा.’’

जिस छात्र संघ को यह लेटर लिखा गया, उसने ABVP, VHP और बजरंग दल के सदस्यों के साथ कॉलेज के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था. सिद्दीकी ने मुताबिक, इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान कश्मीरी छात्रों को इंस्टिट्यूट से निकाले जाने की मांग की गई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की कि छात्रों को मिड-टर्म में बाहर निकालने का उनके करियर पर बुरा असर पड़ेगा. आखिर में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुझे लिखित में देना पड़ा कि मैं अगले सेशन से कश्मीरी छात्रों को स्वीकार नहीं करूंगा. 
डॉ असलम सिद्दीकी 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसके अलावा एल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नॉलॉजी के डायरेक्टर एसके चौहान ने भी ऐसा ही लेटर जारी किया है. हालांकि चौहान का कहना है कि यह इंस्टीट्यूट सिर्फ तभी कश्मीरी छात्रों को अनुमति नहीं देगा, जब राज्य के सभी इंस्टीट्यूट ऐसा करेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×