UIDAI का हेल्पलाइन नंबर मोबाइल में ऑटोमेटिक सेव होने के मामले के बाद रविवार को आधार बनाने वाली संस्था ने अपना बयान दिया है. UIDAI का कहना है कि कुछ स्वार्थी लोगों ने गूगल की एक भूल का दुरुपयोग कर आधार की छवि खराब करने और लोगों के बीच भय फैलाने की कोशिश की.
UIDAI ने कहा, "किसी फोन के कॉन्टैक्ट की लिस्ट में दर्ज नंबर के जरिए उस फोन की जानकारियां नहीं चुराई जा सकती है."
UIDAI के मुताबिक गूगल की एक गलती से UIDAI का पुराना हेल्पलाइन नंबर 18003001947 कई मोबाइल फोन ग्राहकों की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव हो गया था. अफवाह फैलाने वालों ने उसी को लेकर आधार की छवि खराब करने की कोशिश की. प्राधिकरण ने बयान में कहा कि वह ऐसे स्वार्थी लोगों की ‘निंदा' करता है जिन्होंने गूगल की एक ‘भूल' का दुरुपयोग आधार के खिलाफ अफवाह फैलाने के लिए किया.
कॉन्टैक्ट लिस्ट में किसी हेल्पलाइन नंबर से किसी फोन की जानकारियां नहीं चुराई जा सकती है. इसलिए इस नंबर को मिटाने में कोई डर नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं है. यदि लोग चाहते हैं तो वो उसकी जगह यूआईएडीआई के नए हेल्पलाइन नंबर 1947 को रख सकते हैं.UIDAI का बयान
फ्रांस का साइबर सिकयुरिटी एक्सपर्ट होने का दावा करने वाले एक ट्विटर यूजर ने पिछले हफ्ते ट्वीट कर इस अफवाह को जन्म दिया था. उसने UIDAI को संबोधित करते हुए इस ट्वीट में कहा था, ‘‘अलग-अलग मोबाइल फोन सेवा कंपनियों के ग्राहक जिनके पास आधार कार्ड है या नहीं और जिन्होंने mAadhaar ऐप का इस्तेमाल भी नहीं किया है. उनके भी फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में आपका हेल्पलाइन नंबर उन्हें बताए बिना क्यों दर्ज कर दिया गया है?”
इसके बाद सोशल मीडिया पर आधार के खिलाफ अफवाहों का दौर चलने लगा था जिसके कारण सरकार भी हरकत में आयी और गूगल को बयान जारी कर अपनी भूल माननी पड़ी.
ये भी पढ़ें- सरकारी सेवाओं के लिए आधार का ऑथेंटिकेशन सिस्टम 12% बार फेल: UIDAI
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)