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‘हम AC में बैठकर रामायण देख रहे हैं, वो पैदल चल रहे हैं’-उमा भारती

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर उमा भारती ने कहीं ये बात

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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की उपाध्यक्ष उमा भारती ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों समेत कई मुद्दों पर बात की.
उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल कल पूरा हुआ विश्वास है कि तीस साल तक मोदी जी की सरकार को देखेंगे और भारत माता परम वैभव को प्राप्त हो ये लक्ष्य पूरा करेंगे.

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मोदी पूरा करेंगे सपना: उमा

पूर्व मंत्री ने कहा, जनसंघ के जमाने से हमने सपना देखा उसी को पूरा करने के लिए मोदी जी पीएम बने. मोदी जी को शक्ति भगवान ने दी लेकिन उस शक्ति के योग्य अपने शरीर और मन को मोदी जी ने अपनी तपस्या से बनाया यह हमें मोदी जी से सीखना चाहिए. उन्होंने कहा,

लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट का एक अंतरिम आदेश आया है कि प्रवसियों को उनके घर पहुंचने की व्ययस्था की जाए.

डॉक्टर नर्सेज और पुलिस को अभिनंदन

उमा भारती ने कहा, जो हमने झेल है कोरोना के समय उसमें कुछ अच्छी बात है कुछ बुरी बातें है, लोगों के अंदर मानवता जगी है, परिवार नजदीक आए है, वही इस महामारी में कई डॉक्टर नर्सेज और पुलिसकर्मी शाहिद हुए हैं, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं. और जो भी लोग गरीबों की सेवा में उन सबका हम अभिनंदन करते हैं.

“एक लड़की 1200 किलोमीटर तक चला कर ले गई. शक्ति भी विभिषका भी ,कल देखा एक बालक मां का कफन खींच रहा था, पटरी पर मजदूर कुचले गए.”
उमा भारती, पूर्व केंद्रीय मंत्री

गरीबी और अमीरी के बीच का मापदंड कुछ और होगा

गरीबी पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम समझ रहे थे की भारत में गरीबी दूर हो गयी है, हम गरीबी को दूर करना ये मान रहे थे की लोगों को 2 वक्त की रोटी मिलने लगी और लोग भूख से मरना बंद हो गए. ये सच है की आज से 15-20 साल पहले ऐसी समस्या थी जब भूख से बड़ी संख्या में लोग मरते थे, अब ये बहुत हद तक बंद हो गयी थी. क्योंकि कम से कम अब भोजन की व्यवस्था तो हो गयी थी.”

लेकिन अब के नई बात समझ मे आयी है कि गरीबी और अमीरी के बीच का जो मापदंड होगा वो इससे नहीं होगा की रोटी खाने को मिलने लगी, न ही इससे होगा कि हम कहां है और जिनको रोटी मिल रही है वो कहां हैं. उमा भारती ने कहा,

हम तो AC में बैठ कर रामायण और महाभारत देख रहे हैं. लेकिन वो तो पैदल चले हैं, उन्हें पानी नहीं मिला, छोटे छोटे बच्चो को लेकर पैदल चले हैं. रास्ते में डिलीवरी हुई पैदा हुए बच्चे को गोद में लेकर मां पैदल चली है. ये जो अंतराल है ये बहुत भयानक है. और इस अंतराल को कम करने के लिए ही मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं.
उमा भारती,पूर्व केंद्रीय मंत्री 

कांग्रेस और वामपंथ हुए फेल?

कांग्रेस और वामपंथी पर आरोप लगते हुए उमा भारती ने कहा, देश मे कांग्रेस, कम्युनिस्ट, और हमारी विचारधारा का राज रहा कांग्रेस अमीर परस्त थी, समाजवादी गरीबों के बारे में विदेश से सीखते थे हम भारत परस्त थे और हमें गरीब परस्त बने रहना है यही एकामत मानववाद का सार है

कार्यकर्तओं के लिए ये सेवा का अवसर

गांव में पहुंचने के बाद लोगों को कैसे रोजी-रोटी मिले इस पर बोलते हुए उमा भारती ने कहा कि, ये जो पैदल चल रहे हैं शंकर हैं और इनका पसीना गंगा जल है. शंकर वरदान देते थे लेकिन खुद श्मसान में रहे. लेकिन वो तांडव करते हैं तो तीनों लोक कांपते हैं, पार्टी के कार्यकर्ताओं को कहूंगी कि ये सेवा का अवसर है. जितना हो सके तो करिए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अंत में एक कविता सुनाई-

पंडित तू बोला था भगवान बदल जाएगा. मुल्ला तू बोला था कि रहमान बदल जाएगा. अब भी अवसर है तू समझा ले, वरना तेरे इश्वर अल्लाह को भूखा इंसान निगल जाएगा.

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