पश्चिम बंगाल में साथी डॉक्टरों पर हमलों के खिलाफ और सुरक्षा मुहैया कराने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार पांचवें दिन शनिवार को भी जारी है, जिसके कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं रुकी हुई हैं. इस हड़ताल का असर दूसरे राज्यों में भी देखने को मिला है. अब ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्होंने डॉक्टरों की सारी मांगें मान ली हैं.
इस पूरे मामले की अब तक की 10 बड़ी बातें जानते हैं.
वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
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- पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि डॉक्टरों की सारी मांगें मान ली गई हैं, उन्होंने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की भी अपील की है.
- केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही राज्य में हो रही हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए एडवाइजरी भी जारी की है.
- इससे पहले हड़ताली डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से शुक्रवार रात आए बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. बनर्जी ने डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया था.
- डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे कि उन्हें डॉक्टरों की शिकायतें सुनने के लिए आंदोलन स्थल एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल आना होगा और उन पर झूठे आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी होगी.
- इस बीच, प्रदर्शनकारी सहकर्मियों के समर्थन में वरिष्ठ डॉक्टरों के इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है. राज्य सरकार द्वारा संचालित कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के 300 से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है.
- AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने पश्चिम बंगाल के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के समर्थन में घोषित अपनी एक दिवसीय हड़ताल शनिवार को वापस ले ली. आरडीए ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने राज्य में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है.
- दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने भी अपनी हड़ताल वापस ले ली है. हालांकि, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) सहित दूसरे अस्पताल संघ पश्चिम बंगाल के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए शनिवार को हड़ताल पर चले गए हैं.
- बंगाल, दिल्ली के अलावा, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक समेत कई दूसरे राज्यों के डॉक्टर और उनके संगठन भी विरोध प्रदर्शन में साथ दे रहे हैं, जिसके कारण कई मरीजों और उनके परिवारवालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
- 10 जून को कोलकाता के नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 75 साल की उम्र के एक शख्स की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले के परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि जब तक परिजन माफी नहीं मांगते, वे प्रमाण पत्र नहीं देंगे. इन सबके बीच हिंसा भड़क गई, जिसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि कई और को भी चोटें आईं. इस हिंसा के बाद से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पड़ चले गए हैं.
- बंगाल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर की 3 मुख्य मांगे हैं-
- ममता बनर्जी परिबाह और उसके परिवार से मिलें और डॉक्टर को ये आश्वासन दे कि ऐसे इंसिडेंट आगे से नहीं होंगे.
- NRS में जिन्होंने मारपीट की उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, उसका सबूत दें
- NRS में उस रात जो पुलिस ऑफिसर मौजूद थे, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई ये बताएं
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टॉपिक: पश्चिम बंगाल बंगाल डॉक्टर हड़ताल
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