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जॉर्ज फर्नांडिस की शख्सियत को बयां करने वाली 10 बड़ी बातें

3 जून 1930 को जन्मे फर्नांडिस पत्रकार भी रहे थे. उन्हें 10 भाषाओं का ज्ञान था.

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भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. 3 जून 1930 को जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक अखबार में प्रूफ रीडर की नौकरी से की थी. इसके बाद वह राजनीति में आए, समता पार्टी का गठन किया, एनडीए में शामिल हुए और केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली.

जानिए जॉर्ज फर्नांडिस के बारे में 10 बड़ी बातें:

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इसलिए नाम पड़ा- 'जॉर्ज'

बताया जाता है कि जॉर्ज फर्नांडिस की मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं. ऐसे में उन्होंने किंग जॉर्ज फिफ्थ के नाम पर ही अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा.

मंगलौर में पले-बढ़े थे जॉर्ज

फर्नांडिस मंगलौर में पले-बढ़े थे. वह जब 16 साल के हुए तो उन्हें एक क्रिश्चियन मिशनरी में पादरी बनने की शिक्षा लेने के लिए भेजा गया. हालांकि करीब 2 साल में उन्होंने चर्च छोड़ दिया था.

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रोजगार की तलाश में बंबई गए थे जॉर्ज

चर्च छोड़ने के बाद जॉर्ज फर्नांडिस बंबई (अब मुंबई) चले गए थे. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक अखबार में प्रूफ रीडर की नौकरी से की थी.

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ट्रेड यूनियन के आंदोलनों का बने हिस्सा

बंबई जाने के बाद जॉर्ज सोशलिस्ट पार्टी और ट्रेड यूनियन के आंदोलनों में हिस्सा लेने लगे थे. उस समय राम मनोहर लोहिया, फर्नांडिस की प्रेरणा थे. बंबई के सैकड़ों-हजारों गरीबों के लिए जॉर्ज एक हीरो बन गए थे.

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जब लोगों ने जॉर्ज को कहा था, 'जॉर्ज द जायंट किलर'

1967 के लोकसभा चुनावों में जॉर्ज ने उस समय के बड़े कांग्रेसी नेता एसके पाटिल के खिलाफ चुनाव लड़ा. बॉम्बे साउथ की इस सीट से जब उन्होंने पाटिल को हराया तो लोग उन्हें 'जॉर्ज द जायंट किलर' भी कहने लगे थे.

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10 भाषाओं के जानकार थे जॉर्ज फर्नांडिस

जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे. उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन की जानकारी थी.

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जब जॉर्ज ने बुलाई थी रेल हड़ताल

1973 में फर्नांडिस 'ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन' के चेयरमैन चुने गए थे. जॉर्ज के इस पद को संभालने से पहले रेलवे के कर्मचारी सरकार से कुछ मांगें कर रहे थे. सरकार उन पर ध्यान नहीं दे रही थी. ऐसे में जॉर्ज ने 8 मई, 1974 को देशव्यापी रेल हड़ताल बुला ली. इसके बाद कई दिनों तक रेलवे का सारा काम ठप रहा था. इस हड़ताल के दौरान हजारों लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिनमें जॉर्ज भी शामिल थे.

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इमरजेंसी के दौरान अलग-अलग भेष में रहे थे जॉर्ज

भारत में इमरजेंसी लगने के समय जॉर्ज फर्नांडिस कभी मछुआरे, कभी साधु तो कभी सिख के रूप में रहे थे. इस दौरान उन्होंने भूमिगत होकर इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन चलाया था.

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जब इमरजेंसी के समय गिरफ्तार हुए जॉर्ज

इमरजेंसी के दौरान जॉर्ज और उनके साथियों को जून 1976 में गिरफ्तार कर लिया गया था.

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18 बार किया था सियाचिन ग्लेशियर का दौरा

जॉर्ज फर्नांडिस भारत के ऐसे रक्षामंत्री थे, जिन्होंने 6,600 मीटर ऊंचे सियाचिन ग्लेशियर का 18 बार दौरा किया था.

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