यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी सरकारी विभागों और नगर निकायों में अगले छह महीनों के लिए एस्मा लगा दिया है. इसे तत्काल प्रभाव में लाया गया है जिससे कि अगले छह महीने तक कोई भी हड़ताल गैरकानूनी करार दिया जाएगा.
मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने सोमवार रात को इस मामले को लेकर अधिकृत सूचना जारी कर दी. एस्मा लागू करने के पीछे सरकार की मंशा आगामी 6 फरवरी से कुछ सरकारी संगठनों की ओर से पेंशन मामले को लेकर बुलाई गई हड़ताल को रोकना है.
क्यों लगाया जाता है एस्मा?
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है. इसके उल्लंघन करने पर पुलिस किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है. इस मामले को लेकर आधिकारिक सुचना जारी करते हुए सरकार ने सभी हड़ताल और बंद को गैरकानूनी बताया है.
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) 1968 के तहत आवश्यक सेवाओं की लम्बी लिस्ट जैसे कि टेलीफोन, रेलवे,एयरपोर्ट, और बंदरगाह में काम करने वाले कर्मचारियों को हड़ताल करने की मनाही होती है.
एस्मा के विरोध करने पर क्या होगी सजा?
इस कानून का विरोध करने पर जेल की सजा भी हो सकती है और एक साल तक कैद भी हो सकताी है. जुर्माने का भी प्रावधान है. एस्मा लागू होने के बाद अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दंडनीय है. क्रिमिनल प्रोसिजर (CrPC) के अन्तर्गत एस्मा लागू होने के बाद इस आदेश से संबंधित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है.
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