राजद्रोह के एक मामले में 22 साल की एक छात्रा अग्रिम जमानत के अनुरोध के साथ शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची. छात्रा के खिलाफ राजद्रोह का यह मामला जेल में बंद जेएनयू छात्र शरजील इमाम के समर्थन में एलजीबीटीक्यू कार्यक्रम में कथित तौर पर नारा लगाने के लिए दर्ज किया गया है.
सेशन कोर्ट ने उर्वशी चूडावाला की अग्रिम जमानत अर्जी पांच फरवरी को खारिज कर दी थी जिसके बाद वह शुक्रवार को हाईकोर्ट पहुंची. चूडावाला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की छात्रा है.
चूडावाला के एडवोकेट विजय हिरेमठ ने जस्टिस एसके शिंदे के सामने अर्जी डाली, जिन्होंने इस पर सुनवाई 11 फरवरी को करना तय किया. छात्रा को सेशन कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम प्रोटेक्शन नहीं दिया था जिससे कि वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सके.
क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार, लेस्बियन..गे..बाइसेक्शुल..ट्रांसजेंडर..क्वीर (एलजीबीटीक्यू) समुदाय की पिछले हफ्ते दक्षिण मुंबई में आजाद मैदान में आयोजित एक रैली के दौरान चूडावाला ने नारा लगाया था. नारा था- "शरजील तेरे सपने को हम मंजिल तक पहुंचाएंगे."
JNU में पीएचडी छात्र शरजील इमाम को पिछली 28 जनवरी को बिहार से गिरफ्तार किया गया था. शरजील की गिरफ्तारी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान कथित ‘भड़काऊ’ भाषण देने के लिए उसके खिलाफ कई राज्यों में राजद्रोह के मामले दर्ज होने के बाद की गई थी.
चूडावाला की अर्जी में कहा गया है कि समाज का एक वर्ग नारे से सहमत नहीं हो सकता है लेकिन यह राजद्रोह के बराबर नहीं है. मुंबई के आजाद मैदान पुलिस ने चूडावाला और 50 अन्य के खिलाफ एक मामला तीन फरवरी को दर्ज किया था जब एक फरवरी को एलजीबीटीक्यू रैली के बाद इमाम के समर्थन में चूडावाला का नारे लगाते वीडियो वायरल हो गया था.
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