चीन और अमेरिका के बीच छिड़े ट्रेड वॉर ने अब भीषण रूप ले लिया है. ट्रंप प्रशासन की ओर से 200 अरब डॉलर के चीनी सामानों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद चीन ने भी जवाबी कार्रवाई के तौर पर अमेरिका के 60 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ लगाने का फैसला किया है.
अमेरिका ने नए टैरिफ का ऐलान करते हुए कहा है कि अब चीन ने जवाबी कार्रवाई की, तो अमेरिका चीन से आने वाले सभी सामानों पर टैरिफ लगा सकता है.
सोमवार को ट्रंप ने चीन के 200 अरब डॉलर के सामानों पर 10 फीसदी लेवी लगाने का आदेश दिया. यह फैसला 24 सितंबर से लागू हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर चीन अमेरिका को कारोबारी छूट देेने से इनकार करता है, तो जनवरी में यह लेवी बढ़ाकर 25 फीसदी कर दी जाएगी.
चीन ने जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिका से आने वाले गेहूं से लेकर कपड़ों पर पांच से दस फीसदी टैरिफ लगाने का इरादा जताया है.
सुलह-समझौते की कोशिश
अमेरिकी शेयर बाजार पर तेज होते ट्रेड वॉर का ज्यादा असर नहीं पड़ा है, क्योंकि अभी भी ट्रेड वॉर पर समझौता होने की उम्मीद बनी हुई है. चीन के वित्त मंत्री ने कहा कि उनका देश अभी भी अमेरिका से सौदेबाजी करने के तैयार है. ट्रंप के आर्थिक सलाहकारों की परिषद के चेयरमैन केविन हेसेट ने मंगलवार को उम्मीद जताई थी कि दोनों ओर से कार्रवाई के बावजूद इसे रोकने के लिए बातचीत अभी भी हो सकती है.
अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन ने इस महीने की शुरुआत में चीनी वित्त मंत्री को वाशिंगटन आकर इस मुद्दे पर बातचीत करने को कहा था. चीन-अमेरिका का बीच नए टैरिफ वॉर के बावजूद हेसेट को उम्मीद है कि यह बातचीत अगले सप्ताह हो सकती है. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से सुलह की सूरत नहीं दिखती.
ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि अगर चीन ने जवाबी कार्रवाई की, वह चीन के और 267 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ लगा देंगे. अगर ऐसा होता है, तो चीन से आयात होने वाले 505 अरब डॉलर के सामानों पर टैरिफ बढ़ जाएगा. इस तरह अमेरिका को चीन का पूरा निर्यात टैरिफ का दायरा में आ जाएगा.
ट्रंप ने मंगलवार को चीन के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करने का ऐलान करते हुए कहा:
चीन ने साफ कहा है कि वह अमेरिका के किसानों, पशुपालकों और औद्योगिक श्रमिकों पर असर डाल कर अमेरिका के चुनावों को प्रभावित करना चाहता है. लेकिन चीन को यह मालूम नहीं इससे हम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये अमेरिकी लोग बहुत बड़े देशभक्त हैं.डोनाल्ड ट्रंप
चीनी न्यूज एजेंसी और टेलीविजन नेटवर्क पर शिकंजा
इस बीच, अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ और सरकारी टेलीविजन नेटवर्क चाइना ग्वोबल टेलीविजन नेटवर्क को फॉरन एजेंट्स रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर कराने को कहा है. इससे दोनों के बीच विवाद और ज्यादा बढ़ गया है.
इधर, चीन ने अमेरिका की ताजा कार्रवाई के जवाब में अमेरिका के 60 अरब डॉलर के सामानों टैरिफ लगाने की योजना बना ली है. चीन अमेरिका के छोटे विमान. कंप्यूटर, टेक्सटाइल समेत 1600 चीजों पर अतिरिक्त पांच फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है. अमेरिकी केमिकल, मीट, गेहूं, वाइन और सीएनजी पर अतिरिक्त 10 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया गया है. अगस्त में इन सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया गया था. यह टैरिफ लगाने के मौजूदा फैसले के अतिरिक्त है.
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