अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने नागरिकता संशोधन बिल को गलत दिशा में खतरनाक मोड़ बताया है. आयोग ने अमेरिकी सरकार से कहा है कि अगर यह बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है तो गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जाना चाहिए.
USCIRF ने 9 दिसंबर को जारी किए अपने बयान में कहा कि वो नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पास होने से काफी चिंतित है.
इस बयान में कहा गया, ''अगर नागरिकता संशोधन बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो जाता है, तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे प्रमुख नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए.''
इसके अलावा USCIRF ने कहा है,
‘’नागरिकता संशोधन बिल गलत दिशा में खतरनाक मोड़ है; यह भारतीय संविधान और धार्मिक बहुलवाद के समृद्ध भारतीय इतिहास की विपरीत दिशा में है.’’USCIRF
बता दें कि शाह ने 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया था, जहां यह 311 सदस्यों के समर्थन से पास हो गया. 80 सदस्यों ने इस बिल के खिलाफ वोट किया. अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
शाह ने नागरिकता संशोधन बिल को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, ‘’यह बीजेपी के मेनिफेस्टो का हिस्सा रहा है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के 130 करोड़ लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाकर इसकी मंजूरी दी है.’’
गृह मंत्री ने विपक्ष के सदस्यों के विचारों का जिक्र करते हुए कहा कि बार-बार अल्पसंख्यकों की बात हो रही है तो क्या बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थी अल्पसंख्यक नहीं हैं जो धार्मिक आधार पर यातनाएं सहने की वजह से वहां से भारत आए. उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने पंथ निरपेक्षता की बात कही थी, हम उसका सम्मान करते हैं और उसे आगे ले जाने के लिए उत्सुक हैं. शाह ने कहा कि किसी के भी साथ धार्मिक आधार पर दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए.
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