उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस में बड़ा हादसा हुआ है. मंगलवार, 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के फुलरई-मुगलगढ़ी गांव में भोले बाबा के सत्संग के समापन कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई. आईजी शलभ माथुर ने बताया कि "इस हादसे में अब तक 116 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. जिसमें से 27 एटा मोर्चरी में हैं और बाकी हाथरस में हैं." इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है.
IG माथुर ने कहा, "आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. प्रथम दृष्टा ये सामने आ रहा है कि जितने लोगों की अनुमति मांगी गई थी, उससे ज्यादा लोग आए थे. एक हाई लेवल जांच के निर्देश दिए गए हैं."
कमिश्नर अलीगढ़ चैत्रा वी ने भी 116 लोगों की मौत की पुष्टि की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई होगी.
CM ने दिए जांच के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जी, संदीप सिंह जी घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं. प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा,
"ADG, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं."
इसके साथ ही सीएम ने कहा, "जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं."
क्या सत्संग के लिए अनुमति ली गई थी?
यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने क्विंट को बताया, "संस्था ने सत्संग के लिए अनुमति ली थी. पर्याप्त पुलिस व्यवस्था भी की गई थी. जांच से भगदड़ के कारणों का पता चलेगा."
जानकारी के मुताबिक, सत्संग के दौरान व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के लिए कम से कम 70 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
हाथरस जिलाधिकारी आशीष कुमार ने बताया, "ये एक निजी आयोजन था और इसकी अनुमति SDM द्वारा दी गई थी. कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए ड्यूटी भी लगाई गई थी. बाकी व्यवस्था आयोजकों द्वारा की जानी थी."
वहीं एसएसपी एटा राजेश कुमार सिंह ने बताया, "सिकंदराराऊ के पास गांव में भोले बाबा का प्रोग्राम चल रहा था. सूचना के मुताबिक, भगदड़ से लोगों की मौत हुई है. एटा अस्पताल में 27 शव लाए गए हैं."
चश्मदीद ने क्या बताया?
जयपुर से आई एक महिला ने बताया कि सत्संग के समापन के बाद अचानक से भीड़ निकली और सब एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए, जिससे हादसा हुआ है.
हाथरस जिलाधिकारी ने कहा, "मुलगगढ़ी गांव में भोले बाबा का समागम हो रहा था. जब समागम खत्म हो रहा था, उस समय भारी उमस के कारण, जब लोग निकलने लगे, उसी दौरान ये घटना हुई है."
हादसे के बाद घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे लोगों का अव्यवस्था को लेकर प्रशासन पर गुस्सा फूटा. लोगों का आरोप है कि “पुलिस-प्रशासन और एंबुलेंस समय से नहीं पहुंचें”.
इसके साथ ही लोगों ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ एक ही डॉक्टर थे. न तो अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था है और न ही कोई ड्रिप लगाने वाला है.
प्रियंका गांधी ने की मुआवजे की मांग
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की है. उन्होंने X पर पोस्ट किया, "राज्य सरकार से मेरी अपील है कि पीड़ितों को उचित मुआवजा देने एवं घायलों के उपचार की व्यवस्था की जाए."
समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता शिवपाल यादव ने X पर पोस्ट किया, "हाथरस में हुई दुर्घटना में प्रशासकीय असफलता की जांच होनी चाहिए. साथ ही घायलों के उपचार में प्रशासन जिस तरह की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का परिचय दे रहा है वह अक्षम्य और शर्मनाक है."
(इनपुट- रवि गौतम और धर्मेंद्र राजपूत)
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