उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao, Uttar Pradesh) में दरोगा के खिलाफ ही केस दर्द होने का एक अनोखा मामला सामने आया है. ये केस किसी और ने नहीं बल्कि उनके ही विभाग के एक अधिकारी ने दर्ज करवाया है.
दरोगा पर 6 साल पहले उन्नाव के हसनगंज थाने में पोस्टिंग के दौरान 72 केस डायरी गायब करने का आरोप है. अब विभागीय जांच के बाद एसपी के निर्देश पर दरोगा के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
इंस्पेक्टर राजेश सिंह के मुताबिक 2017 में हसनगंज थाने में दरोगा दिनेश कुमार मिश्र और हेड कॉन्स्टेबल अशोक कुमार मिश्र तैनात थे. सीओ कार्यालय से अपराधिक मामलों की 72 केस डायरी आई थी. हेड कॉन्स्टेबल ने कोर्ट में केस डायरियों को दाखिल करने के लिए दरोगा दिनेश कुमार मिश्र को सौंपी थी, लेकिन दरोगा ने कोर्ट में केस डायरी दाखिल नहीं की, जिससे कई मामले पेंडिंग पड़े हुए थे.
दरोगा से पूछे जाने पर कोई संतोषजक जवाब नहीं मिला, तब SP सिद्धार्थ शंकर मीना ने मामले की जांच ASP शशि शेखर सिंह से कराई. मामले की जांच में दरोगा को केस डायरी गुम करने का दोषी पाया गया.
ये बात सामने आने के बाद एसपी ने हसनगंज इंस्पेक्टर राजेश सिंह को दरोगा के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए. इंस्पेक्टर राजेश सिंह ने उनके खिलाफ धारा 409 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दरोगा दिनेश कुमार मिश्र फिलहाल लखनऊ महानगर कमिश्नरेट में तैनात हैं.
2001 बैच के इंस्पेक्टर, प्रमोशन नहीं मिला
दरोगा दिनेश कुमार मिश्रा 2001 बैच के उत्तर प्रदेश पुलिस के सबइंस्पेक्टर हैं, लेकिन उनके खिलाफ कई विभागीय कार्यवाही चल रही है. उन्हें कई मामलों में दंड मिल चुका है जिसके चलते उनका प्रमोशन नहीं हुआ और इंस्पेक्टर नहीं हो सके. वे उन्नाव में मौरावा हसनगंज गंगा घाट समेत अन्य थानों में तैनात रह चुके हैं.
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