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उत्तराखंड के रुड़की में होने वाली धर्मसंसद पर पुलिस ने लगाई रोक, SC ने भी चेताया

स्वामी गणेशानंद को पुलिस ने 10-12 अन्य सदस्यों के साथ मंगलवार 26 अप्रैल गिरफ्तार कर लिया

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भारत
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उत्तराखंड(Uttarakhand) के रुड़की में होने वाली बुधवार की 'धर्म संसद' में एक महत्वपूर्ण शख्सियत स्वामी गणेशानंद को पुलिस ने 10-12 अन्य सदस्यों के साथ मंगलवार 26 अप्रैल गिरफ्तार कर लिया. उन्हें दादा जलालपुर के शिव मंदिर से ले जाया गया, जहां महापंचायत की तैयारी की जा रही थी. वह फिलहाल मंडावर पुलिस स्टेशन में हैं. रुड़की में धारा 144 लगाई गई है. आयोजकों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया गया है.

एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि पुलिस ने सभी डीजे और स्पीकर अपने कब्जे में ले लिया है. इसके अलावा, गांव में भारी पुलिस तैनात है. यह देखते हुए बुधवार को महापंचायत आयोजित करना असंभव हो सकता है .

इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को रिकॉर्ड पर यह आश्वासन देने का निर्देश दिया कि इस कार्यक्रम में कोई 'अप्रिय बयान' नहीं दिया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव, गृह सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों को ऐसी होने वाली हेट स्पीच आयोजनों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस सीटी रविकुमार और एएम खानविलकर की तीन-न्यायाधीशों वाली एससी बेंच ने कहा, "हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त स्थिति को रिकॉर्ड पर रखने और सुधारात्मक उपायों के बारे में हमें अवगत कराने का निर्देश देते हैं."

लाइव लॉ के मुताबिक, कोर्ट ने कहा, "आपके आश्वासन के बावजूद अगर कोई अप्रिय स्थिति होती है तो हम संबंधित मुख्य सचिव, गृह सचिव, आईजी को जिम्मेदार ठहराएंगे. हम इसे रिकॉर्ड में डाल रहे हैं ... आप जानते हैं कि निवारक उपाय क्या हैं."

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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश कथित तौर पर पटना उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया. याचिका में पिछले हिंदू धार्मिक सम्मेलनों में दिए गए हेट स्पीच के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी.

17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच, दिल्ली और उत्तराखंड के तीर्थ शहर हरिद्वार में दो अलग-अलग आयोजनों में, अल्पसंख्यकों को मारने और उनके धार्मिक स्थलों पर हमला करने के लिए कई कॉल किए गए थे

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