राम मंदिर मुद्दे को लेकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की बात पर विश्व हिन्दू परिषद ने सफाई पेश की है. संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस को समर्थन का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है. वीएचपी किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करती. साथ ही उन्होंने कहा कि वो राम मंदिर के मुद्दे पर सभी दलों का समर्थन जुटा रहे हैं.
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा था कि, “कांग्रेस अगर लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में राम मंदिर का मुद्दा शामिल करेगी तो समर्थन पर विचार करेंगे.” वीएचपी की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया था जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा सुर्खियों में है और मोदी सरकार इसे लेकर लगातार दबाव में है.
वीएचपी के इस बयान को बीजेपी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा था. साफ है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर वीएचपी का मोदी सरकार से विश्वास डगमगा गया है. हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू ये भी हो सकता है कि कांग्रेस के बहाने विश्व हिंदू परिषद मोदी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हो.
हमें ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार राम मंदिर को लेकर कोई कानून नहीं लाएगी. हम आगामी 31 जनवरी और एक फरवरी को होने जा रही धर्म सभा में साधु-संतों को यह बताएंगे.आलोक कुमार, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष
आरएसएस ने भी कसा था तंज
इससे पहले राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने भी राम मंदिर के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ तंज कसा था. कुंभ मेले में हुए एक कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने इशारों ही इशारों में मोदी सरकार पर तंज कसा और कहा कि राम मंदिर साल 2025 में बनेगा.
भैया जी जोशी ने इस कार्यक्रम में राम मंदिर पर बोलते हुए कहा कि अयोध्या में साल 2025 में जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा तो देश तेजी से विकास करने लगेगा. उनके मुताबिक देश में विकास की गति उसी तरह बढ़ेगी, जैसी साल 1952 में सोमनाथ में मंदिर निर्माण के बाद शुरू हुई थी. सिर्फ इतना ही नहीं भैयाजी जोशी ने व्यंग करते हुए कहा कि भारत तकरीबन डेढ़ सौ साल बाद विश्वगुरू बन जाएगा.
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