शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के स्पेशल कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कई और बैंकों को विजय माल्या की जब्त संपत्ति को बेचकर कर्ज वसूली करने की इजाजत दे दी है.
बता दें कि इससे पहले माल्या के वकीलों ने कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि जब्त संपत्ति को बेचकर वसूली का अधिकार सिर्फ कर्ज वसूली न्यायाधिकरण ही तय कर सकता है.
हालांकि कोर्ट ने इस मामले में 18 जनवरी तक रोक लगा दी है, ताकि तब तक अगर चाहे तो माल्या इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर सकता है.
लंदन कोर्ट से भारतीय बैंकों की अपील- माल्या को दिवालिया घोषित करें
इसी साल भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सरकारी बैंकों के एक समूह ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट से एक बार फिर अपील की है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित किया जाए.
विजय माल्या पर तकरीबन 1.52 अरब डॉलर का कर्ज न चुकाने का आरोप है. इसे देखते हुए एसबीआई और कई सरकारी बैंक ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट से विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने का आदेश जारी करने की मांग की है.
माल्या पर क्या है आरोप?
विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए का लोन लिया था, लेकिन लोन नहीं चुकाया. इसी बीच 2 मार्च, 2016 को वो देश छोड़कर भाग गया, जिसके बाद भारत ने 2017 में माल्या के प्रत्यर्पण की मांग की थी.
दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था. इसके बाद माल्या ने प्रत्यर्पण के खिलाफ रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील दाखिल की थी, जहां विजय माल्या की अपील मंजूर कर ली गई. फिलहाल वो लंदन में है और अभी जमानत पर बाहर है.
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