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SC से माल्या की गुहार, परिवार की संपत्ति कुर्क करने पर लगे रोक 

पांच जनवरी 2019 को विशेष अदालत ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था

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भारतीय बैंकों का बड़ा कर्जदार और देश छोड़कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई से बचने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. माल्या ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की कि उनकी और उनके रिश्तेदारों की मालिकाना हक वाली संपत्तियों को कुर्क करने पर रोक लगाई जाए.

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माल्या ने अपनी याचिका में कहा है कि कथित अनियमितताओं के मामलों का सामना कर रहे किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा दूसरी संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए. अगर कार्रवाई करनी है, तो सिर्फ किंगफिशर कंपनी से जुड़े संपत्ति ही कुर्क किए जाएं. उसकी निजी और पारिवारिक संपत्ति को कुर्क न किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 29 जुलाई को करेगा.

इससे पहले बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को माल्या की संपत्ति कुर्क करने को लेकर विशेष अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. अदालत की बेंच ने पिछले महीने माल्या का आवेदन भी खारिज कर दिया था, जिसमें मनी लॉन्‍ड्रिंग रोकथाम कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के सामने लंबित कार्यवाही पर रोक का अनुरोध किया गया था.

इस साल पांच जनवरी को, विशेष अदालत ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था. इसके बाद अदालत ने उनकी संपत्ति कुर्क करने के लिए कार्यवाही शुरू की थी.

माल्या पर क्या है आरोप?

विजय माल्या ने भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए का लोन लिया था, लेकिन लोन नहीं चुकाया. इसी बीच 2 मार्च, 2016 को वो देश छोड़कर भाग गया, जिसके बाद भारत ने 2017 में माल्या के प्रत्यर्पण की मांग की थी.

दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था. इसके बाद माल्या ने प्रत्यर्पण के खिलाफ रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील दाखिल की थी, जहां विजय माल्या की अपील मंजूर कर ली गई. फिलहाल वो लंदन में और अभी जमानत पर बाहर है.

प्लीज पैसे ले लो और मामला खत्म करो: माल्या

2 जुलाई 2019 को रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले के बाद विजय माल्या ने कहा था कि वो बैंकों का पैसा देने के लिए तैयार है और आगे बढ़ना चाहता है.

माल्या ने कहा था, “कोर्ट से अच्छा फैसला आने के बावजूद मैं एक बार फिर बैंकों को ऑफर देता हूं कि मैं किंगफिशर एयरलाइंस को पैसा देने वाले बैंकों का पूरा कर्ज चुकाने को तैयार हूं. प्लीज, पैसे ले लो. इसके अलावा मैं अपने कर्मचारियों और अन्य लेनदारों का भी भुगतान करना चाहता हूं और जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं.”

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