ADVERTISEMENTREMOVE AD

परीक्षा के दौरान हुई मौत,रिजल्ट में 3 पेपर में मिले 90 से ऊपर नंबर

मस्कुलर डिस्ट्रोफी के कारण मार्च में परीक्षाओं के दौरान छात्र की मृत्यु हो गई

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

नोएडा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले विनायक श्रीधर एक बीमारी के कारण दसवीं बोर्ड की सभी परीक्षाएं नहीं दे पाए थे. मस्कुलर डिस्ट्रोफी के कारण मार्च में परीक्षाओं के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई. रिजल्ट की घोषणा हुई तो पता चला कि जिन तीन सब्जेक्ट्स की परीक्षा विनायक ने दी थी, उन सभी में उनके 90 से ऊपर नंबर आए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विनायक को इंग्लिश में 100, संस्कृत में 97 और होम साइंस में 96 नंबर मिले हैं.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में विनायक की मां ममता श्रीधर ने कहा, 'अगर उसे मौका मिलता तो वो बाकी दो पेपर में भी अच्छे नंबर लाता.'

10वीं कक्षा के नतीजे सीबीएसई ने सोमवार, 6 मई को जारी किए.

‘ये रिजल्ट उसे काफी खुश कर देते. उसने अपनी आखिरी सांस तक हमें गर्व महसूस कराया है.’
ममता, विनायक की मां

एस्ट्रोनॉट बनान चाहते थे विनायक

10वीं में टॉप करना, एस्ट्रोनॉट बनना और रामेश्वरम जाना विनायक की कुछ ख्वाहिशें थीं, जो पूरी नहीं हो पाईं. विनायक के पेरेंट्स ने खुद रामेश्वरम जाकर अपने बेटे की ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश की.

‘विनायक क्विज में काफी अच्छा था. उसे माइथोलॉजी और इतिहास काफी पसंद था. वो अपने सोशल स्टडीज एग्जाम को लेकर काफी उत्साहित था. वो अक्सर अपने शिक्षकों से संस्कृत में बात करता था, उसे ये भाषा काफी पसंद थी.’
ममता

विनायक 2 साल के थे, जब मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बारे में पता चला था. डचेन मस्कुलर डिस्ट्रोफी (DMD) डिस्ट्रोफिन की कमी के कारण होती है. डिस्ट्रोफिन एक ऐसा प्रोटीन है जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को बरकरार रखने में मदद करता है

7 साल की उम्र में विनायक को व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा था. 13 साल की उम्र तक वो खुद कुछ भी काम करने में नाकाम थे, उन्हें खाना भी पेरेंट्स खिलाते थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×