कर्ज के बोझ में दबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने सोमवार को अपने प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान की दरें बढ़ाने का फैसला किया है. कंपनी ने कहा है कि टैरिफ पर बढ़ी हुई दरें 1 दिसंबर से लागू होंगी.
वोडाफोन-आइडिया ने एक बयान में कहा है, ‘यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे कस्टमर वर्ल्ड क्लास डिजिटल एक्सपीरिएंस को एन्जॉय करते रहें, वोडाफोन-आइडिया ने 1 दिसंबर 2019 से अपने टैरिफ की कीमतों को बढ़ाने का फैसला किया है.’ हालांकि, वोडाफोन-आइडिया ने अभी ये खुलासा नहीं किया है, कि कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी.
फिलहाल, कंपनी बिना डेटा के 24 रुपये की शुरुआती कीमत पर मासिक मोबाइल सर्विस देती है, और डेटा के साथ टैरिफ प्लान की शुरुआत 33 रुपये से होती है.
वोडाफोन-आइडिया को 50,921 करोड़ रुपये का तिमाही घाटा
एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बकाया सांविधिक देनदारियों के लिए भारी खर्च के प्रावधान के चलते वोडाफोन-आइडिया ने बीते हफ्ते चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया था. पिछले वित्त वर्ष इसी अवधि में कंपनी को 4,874 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
पिछले महीने कोर्ट ने एजीआर की सरकार द्वारा तय परिभाषा को सही माना था. इसके तहत कंपनियों की टेलीकॉम सर्विसेज के इतर कारोबार से हासिल इनकम को भी उनकी एडजस्टेड ग्रॉस इनकम का हिस्सा मान लिया गया है. इसके चलते कंपनियों पर स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी जैसे मदों में देनदारी अचानक बढ़ गयी है.
दूरसंचार विभाग के नवीनतम आकलन के मुताबिक, वोडाफोन-आइडिया पर 54,184 करोड़ रुपये बनता है.
साल 2016 में रिलायंस जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में उतर कर तहलका मचा दिया था. रिलायंस जियो की वजह से टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनियों के बिजनेस पर भी बड़ा असर पड़ा था. इसके बाद ही वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर दोनों ने अपने टेलीकॉम बिजनेस का विलय कर दिया था.
वोडाफोन-आइडिया का विलय बीते साल 31 अक्टूबर को हुआ था. इसके साथ ही ये कंपनी 408 मिलियन मोबाइल यूजर्स के साथ देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बन गई थी.
हालांकि, कंपनी के लिए वित्तीय संकट खत्म नहीं हुआ और कंपनी ने ‘टैरिफ वॉर’ की वजह से विलय के बाद से 100 मिलियन से ज्यादा मोबाइल यूजर्स को खो दिया.
सस्ते टैरिफ से बढ़ा वोडाफोन-आइडिया नुकसान
बता दें, कंपनी नेटवर्क बनाने में निवेश करती रही है. हालांकि, टैरिफ से कम रिटर्न से उसका वित्तीय संकट बढ़ गया है. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, मोबाइल डेटा की कीमतें लगभग 95 प्रतिशत घटकर 11.78 रुपये प्रति गीगाबाइट (जीबी) हो गई हैं. इसके अलावा जून 2016-दिसंबर 2017 के बीच मोबाइल कॉलिंग की दर लगभग 60 प्रतिशत घटकर लगभग 19 पैसे प्रति मिनट रह गई.
उधर, रिलायंस जियो अपने यूजर्स को अनलिमिटेड वॉइस कॉल ऑफर कर रहा है.
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