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नए CJI रंजन गोगोई बोले- केस की जल्‍द सुनवाई के लिए सिस्‍टम बनेगा

जस्टिस गोगोई ने कहा कि उनकी कोशिश है कि भारतीय न्याय व्यवस्था को बेहतर नतीजे देने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाए.

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देश के 46वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेने वाले जस्टिस रंजन गोगोई ने पदभार संभालते ही कहा है कि वे न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक सिस्‍टम विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने साफ किया है कि सुप्रीम कोर्ट में केस की फाइलिंग और लिस्‍ट‍िंग के बीच की अवध‍ि कम करने के लिए मानक तय किए जाएंगे.

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए जस्टिस गोगोई ने कहा:

“हम कोर्ट में ऑन बोर्ड मामलों की फाइलिंग और लिस्टिंग के बीच लगने वाले वक्त को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. हम एक ऐसी व्यवस्था शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बदौलत मामले लिस्ट से हटेंगे नहीं. अगर हम इसमें कामयाब होते हैं, तो मेंशनिंग के लिए लगने वाले समय का एक बड़ा हिस्सा कम हो जायेगा.”
-जस्टिस रंजन गोगोई  
किसी केस की सुनवाई में जल्द से जल्द पहली तारीख लेने, तय तारीख से पहले अविलंब सुनवाई करने, या फिर किसी की अविलंब जमानत की अर्जी देने को मेंशनिंग कहते हैं. इस प्रक्रिया में कोर्ट का काफी वक्त चला जाता है. 

कुर्सी संभालते ही दिखाई सख्ती

इससे पहले जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के साथ सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में अपनी कुर्सी पर बैठने के बाद पहले दिन ही नए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, "आज से हम किसी मेंशनिंग की सुनवाई नहीं करेंगे. इसके लिए हम एक मानदंड तय करेंगे."

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17 नवंबर, 2019 तक रहेंगे पद पर

बता दें कि बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 63 साल के जस्टिस गोगोई को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में हुए एक समारोह में शपथ दिलाई. भारत के चीफ जस्टिस के तौर पर उनका कार्यकाल 13 महीने से थोड़ा ज्यादा होगा और वे 17 नवंबर, 2019 को रिटायर होंगे.

वे जस्टिस दीपक मिश्रा की जगह देश के चीफ जस्टिस बने हैं.

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