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पामेला गोस्वामी केस:अरेस्ट हुए बंगाल BJP नेता राकेश सिंह कौन हैं?

बीजेपी में शामिल होने से पहले राकेश सिंह कांग्रेस के सदस्य थे

Published
भारत
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पश्चिम बंगाल पुलिस ने 23 फरवरी को बंगाल बीजेपी के नेता राकेश सिंह को कथित ड्रग केस में गिरफ्तार किया था. इस केस में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) नेता पामेला गोस्वामी भी गिरफ्तार हो चुकी हैं. सिंह को बर्दवान से पकड़ा गया था. वो पूरे दिन गिरफ्तारी से बचते रहे थे जबकि कोलकाता पुलिस उनके घर पर भी मौजूद रही. उन्हें सेलफोन लोकेशन के आधार पर ट्रैक किया गया और उसके बाद पुलिस ने राकेश सिंह को कस्टडी में ले लिया.

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सिंह का नाम गोस्वामी ने लिया था. सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के 'करीबी' बताए जाते हैं. पामेला ने आरोप लगाया था कि राकेश सिंह ने उन्हें ड्रग केस में फंसाने की साजिश की है. 19 फरवरी को कोलकाता पुलिस ने पामेला को गिरफ्तार किया था. पामेला के पास से करीब 100 ग्राम कोकीन मिली थी.

कांग्रेस के पूर्व 'बाहुबली'

बीजेपी में शामिल होने से पहले राकेश सिंह कांग्रेस के सदस्य थे. 2016 बंगाल चुनाव में वो कांग्रेस से कोलकाता पोर्ट इलाके से विधायक उम्मीदवार थे.

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के एक सदस्य ने क्विंट से कहा, "राकेश सिंह को पोर्ट इलाके में छोटे बाहुबली के तौर पर जाना जाता था. कांग्रेस के लिए वो बाहुबल सप्लाई करने का काम करता था, जैसे कि रैलियों में लोग."

पोर्ट इलाके के नियंत्रण के लिए सिंह का सामना कांग्रेस के एक और बाहुबली मोहम्मद मुख्तार से था. क्योंकि 2016 में उन्हें टिकट मिल गया था, इसलिए कांग्रेस और पोर्ट इलाके में राकेश सिंह का प्रभाव बढ़ गया था.  
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कांग्रेस के सूत्र ने बताया, "सिंह को अधीर रंजन चौधरी ने टिकट दिया था. ऐसी उम्मीद थी कि वो TMC के फिरहाद हाकिम को चुनौती देंगे. लेकिन वो चुनाव हार गए."

सिंह को टिकट देने के फैसले की वजह से कांग्रेस में मतभेद हो गया. पार्टी में कुछ लोग राकेश सिंह को 'अपराधी से ज्यादा कुछ नहीं मानते थे.'

सिंह का 2016 चुनाव का हलफनामा कहता है कि उनके खिलाफ उस समय 24 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश जैसे आरोप हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट ने 23 फरवरी को राकेश सिंह की पुलिस जांच पर स्टे लगाने की मांग करने वाली याचिका रद्द करते हुए कहा था कि ‘उनके खिलाफ 54 आपराधिक मामले दर्ज हैं.’ 

कांग्रेस सूत्र का कहना है कि हालात यहां तक पहुंच गए थे कि राज्य के कुछ नेता दिल्ली के नेताओं से राकेश सिंह के साथ स्टेज साझा नहीं करने की अपील करते थे.

2018 में स्वर्गीय सोमेन मित्रा के बंगाल कांग्रेस की कमान संभालने के बाद सिंह के 'पर कतर दिए गए थे.' इसके बाद सिंह और नेतृत्व के बीच मतभेद हो गया था और 2019 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी.

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'विजयवर्गीय ने चुना था'

बंगाल बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि राकेश सिंह को बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 'खुद चुना' था. सिंह ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में विजयवर्गीय और बीजेपी नेता मुकुल रॉय की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा था. सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही पार्टी जॉइन की थी.

हालांकि, बीजेपी में भी कुछ लोगों को राकेश सिंह को लेकर वही आपत्ति थी जो कांग्रेस में कई लोगों को थी.

बंगाल बीजेपी के एक सूत्र ने कहा, "राकेश सिंह जैसे लोगों को पार्टी में TMC के बागियों की तरह ही देखा जाता है. वो सामाजिक तत्व नहीं हैं. उन्होंने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया है. उनको दिल्ली के वरिष्ठ नेतृत्व के इशारे पर पार्टी में लिया जा रहा है. हालांकि, ये लोग पार्टी में कुछ वैल्यू नहीं जोड़ते हैं."

बीजेपी के एक और सूत्र का कहना है कि सिंह को केंद्र से मिली हुई CISF सुरक्षा भी विजयवर्गीय का आइडिया था.  

सूत्र ने कहा, "सच तो ये है कि बीजेपी में कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जिनकी जिंदगी को ज्यादा खतरा है. ये दिल्ली नेतृत्व का सिंह जैसे लोगों के लिए इतना करना अति के तौर पर देखा जाता है क्योंकि नेतृत्व इन्हें महत्वपूर्ण समझता है."

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पामेला गोस्वामी और राकेश सिंह के बीच क्या कनेक्शन है?

बीजेपी का वरिष्ठ नेतृत्व कहता है कि उन्हें पामेला और सिंह के बीच किसी भी विवाद के बारे में नहीं पता था, जब तक कि ड्रग केस सामने नहीं आया.

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, "वो दोनों ही पार्टी के नए और छोटे नेता हैं. हम पामेला को एक यंग, उत्साही कार्यकर्ता के तौर पर जानते हैं. हमें नहीं पता कि उनकी निजी जिंदगी में क्या चल रहा है."

इसी बीजेपी नेता की टीम के एक सदस्य का कहना है कि कुछ महीने पहले एक घटना हुई थी, जब पामेला ने वरिष्ठ नेतृत्व से राकेश सिंह से जुड़े एक मामले में ‘मदद’ मांगी थी.  

"मुझे पूरी बात नहीं पता है लेकिन मामला कुछ पैसे के लेनदेन का था. वो हमारे दफ्तर में आई थीं और कहने लगीं कि सिंह ने उनके घर जाकर उन्हें धमकाया है. पामेला ने कहा था कि उन्होंने अपना घर छोड़ दिया है और वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ रह रही हैं." बीजेपी नेता की टीम के एक सदस्य

क्विंट को TMC के सूत्रों से पता चला है कि गोस्वामी ने पार्टी से संपर्क किया था और उन्हें मिलने का समय भी दिया गया था. TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक बंगाली न्यूज चैनल पर कबूल किया था कि पामेला गोस्वामी ने गिरफ्तारी से एक दिन पहले मीटिंग के लिए उनसे संपर्क किया था.

इस न्यूज प्रोग्राम में बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने गोस्वामी की TMC मंत्री सुजीत बोस के बेटे की साथ की तस्वीर दिखाई.  

वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, "हमारे लिए दिक्कत यही है कि पार्टी में नए शामिल होने वाले ये बैक-चैनल कनेक्शन रखते हैं. वो बीजेपी में हैं लेकिन पार्टी के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं, जैसे कि हम जिन्हें RSS ने ट्रेनिंग दी है."

अभी तक वरिष्ठ नेतृत्व ड्रग केस पर कुछ भी टिप्पणी करने से बच रहा है और कह रहा है कि 'कानून अपना काम करेगा.' हालांकि, इस मामले ने एक बार फिर बंगाल बीजेपी में नए और पुरानों के बीच का विवाद सामने ला दिया है.

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