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आ गए बोर्ड एग्जाम, पैरेंट्स ऐसे कहें- बच्चे ना हों परेशान 

अगर आप भी ऐसे पैरेंट्स में शामिल हैं, जो बच्चों से अच्छे नंबर की उम्मीद रखते हैं, तो जरा गौर से सुनिए 

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भारत
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बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं. ये एक ऐसा महीना होता है, जब बच्चे किताबों में घुसे रहते हैं, क्योंकि उन्हें न सिर्फ अपने परिवार वालों की बल्कि अपने रिश्तेदारों की उम्मीदों पर भी खरा उतरना होता है. मगर क्या उन्हें ऐसा करने की जरूरत है? क्या पैरेंट्स को उनसे 80% मार्क्स की उम्मीद करनी चाहिए.

अगर आप भी ऐसे पैरेंट्स में आते हैं, जो बच्चों से अच्छे नंबर की उम्मीद रखते है, तो जरा गौर से सुनिए

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कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम सालों से मानते आ रहे हैं, मगर अब चीजें बदल गयी हैं.

'शर्मा जी' कोई भी हो सकता है, वो आपका पड़ोसी , किरायेदार या रिश्तेदार भी हो सकता है. मगर क्या आपको पता है इससे आपके बच्चे के ऊपर कितना प्रेशर पड़ता है, साथ- साथ ये ऐसी घिसी-पिटी धारणाएं है जिनसे दूर रहने की जरूरत है. अपने बच्चों को बताइये कि इस जाल में न फंसें ?

भीड़ के पीछे क्यों भागना ?

अपने सुना होगा डॉक्टर के बेटे को डॉक्टर बनते , इंजीनियर के बेटे को इंजीनियर बनते. पर क्या आपने सुना है किसी महान क्रिकेटर के बच्चों को क्रिकेटर बनते. या किसी महान फुटबॉल खिलाड़ी के बेटे को महान बनते, शायद नहीं.

तो अपने बच्चों से कहें आखिर क्यों भीड़ के पीछे भागना, अपने पैशन के पीछे भागो, कामयाबी झक मार कर तुम्हारे पीछे होगी.

नंबर मायने नहीं रखते

क्या नंबर सफल होने के लिए मायने रखते है? बिल गेट्स, स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग ये सब कॉलेज ड्रॉपआउट थे. क्या किसी को भी इनके कॉलेज के टॉपर का नाम याद है. मुझे नहीं लगता. क्या 80% मार्क्स जॉब की गारंटी देता है, नहीं ना ! फिर मार्क्स के पीछे क्यों भागना?

देखिए ये पूरा वीडियो और बच्चों को एग्जाम के दौरान कूल रखने के लिए बनिए इनकी ही तरह कूल पैरेंट्स!

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