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लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू, पार्टियों पर लगे ये नियम

चुनावी खर्चे से लेकर भाषणों तक में चुनाव आयोग की आचार संहिता का ध्यान रखा जाएगा

Published
भारत
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चुनाव आयोग ने रविवार को 2019 लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक 7 चरणों में होंगे. तारीखों की घोषणा के होते ही आचार संहिता भी लागू कर दी गई है.

आचार संहिता के लागू होते ही सभी राजनीतिक पार्टियों को इसके मुताबिक अपना कंडक्ट रखना होगा.

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क्या है आचार संहिता?

आचार संहिता लागू होते ही चुनावों तक नेताओं और पार्टियों को कुछ नियमों का पालन करना होगा. ये नियम भाषण, घोषणापत्र, पोर्टफोलियो, मतगणना का दिन समेत कई अन्य चीजों पर लागू किए जाते हैं. आचार संहिता का उद्देश्य देश में निष्पक्ष चुनाव कराना है.

चुनावी खर्चे से लेकर भाषणों तक में चुनाव आयोग की आचार संहिता का ध्यान रखा जाएगा. इस बार के लोकसभा चुनावों में सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता लागू की गई है.

क्या हैं आचार संहिता के नियम?

आचार संहिता के तहत कोई भी राजनीतिक पार्टी वोटरों को लुभाने के लिए अपने ऑफिशियल पोजिशन का इस्तेमाल नहीं कर सकती, यानी कि कोई भी पॉलिसी, प्रोजेक्ट या स्कीम से वोटरों को नहीं लुभाया जाएगा.

पार्टियां और कैंडिडेट्स केवल पिछले रिकॉर्ड के आधार पर एक-दूसरे की आलोचना कर सकते हैं, न कि जाति या धर्म का इस्तेमाल कर. मंदिर-मस्जिद या किसी भी धार्मिक जगह का इस्तेमाल चुनावी कैंपेन के लिए नहीं किया जा सकता.
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सत्ता में बैठी पार्टी चुनावों में सरकारी मशीनरी और ट्रांसपोर्ट का भी इस्तेमाल कैंपेन के लिए नहीं कर सकती. अखबारों और मीडिया में सरकारी खजाने की कीमत पर विज्ञापन जारी करना भी आचार संहिता के तहत अपराध माना जाता है.

वोटरों को घूस देने पर कैंडिडेट्स और राजनीतिक पार्टियों पर कार्रवाई हो सकती है.

इसके अलावा पोलिंग से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार रोक दिया जाता है.

7 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे. पहले फेज का चुनाव 11 अप्रैल को होगा. वहीं दूसरे फेज का चुनाव 18 अप्रैल, तीसरे फेज का चुनाव 23 अप्रैल, चौथे फेज का चुनाव 29 अप्रैल, पांचवा फेज 6 मई, छठा फेज 12 मई और सातवें फेज का चुनाव 19 मई को होगा. 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे.

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