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लॉकडाउन में जमकर बिके कच्छा-बनियान,देखिए लोग क्या खरीद और ढूंढ रहे

ज्यादातर कंपनियों ने अपने एम्प्लॉइज को घर से काम करने की सुविधा दे दी है

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कोरोना वायरस महामारी की वजह से ऑफिसों में ‘वर्क फ्रॉम होम’ का कल्चर चल गया है. संक्रमण फैलने के डर से ज्यादातर कंपनियों ने अपने इम्प्लॉइज को घर से काम करने की सुविधा दे दी है. अब लोगों को घर से ही काम करना है और लॉकडाउन प्रतिबंधों की वजह से घर पर रहना है, तो लोग अपने कंफर्ट पर ध्यान दे रहे हैं. एक रिपोर्ट बताती है कि महामारी के दौर में भारत के कम्फर्ट वियर सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन किया है. यानी घर में रहते हुए लोग कच्छा, बनियान आदि जमकर खरीद रहे हैं.

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इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में टीशर्ट, शॉर्ट्स और बाकी कम्फर्ट वियर की बिक्री बढ़ गई है. यहां तक कि इनरवियर सेगमेंट ने महामारी से पहले के बिक्री के आंकड़ों का लगभग 80 फीसदी बिजनेस किया है.

ज्यादातर कंपनियों ने अपने एम्प्लॉइज को घर से काम करने की सुविधा दे दी है
वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों ने सबसे ज्यादा खरीदे कम्फर्ट वियर
(ग्राफिक: कामरान अख्तर/क्विंट हिंदी)

हालांकि, रिपोर्ट में मैन्युफैक्चरर्स ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रोडक्शन और गुजरात, महाराष्ट्र से रॉ कॉटन की सप्लाई में अड़चन आने की वजह से कुछ समय के लिए फिनिश्ड प्रोडक्ट की कमी हुई थी.

“देश के कई हिस्सों से लॉकडाउन हटने और प्रतिबंध खत्म किए जाने के बाद अंडरगारमेंट की बिक्री में उछाल आया है. साथ ही बेसिक क्लोथिंग जैसे कि बरमूडा, ट्रैक पैंट जैसे कपड़ों की डिमांड भी बढ़ी है.”
डॉलर इंडस्ट्रीज के एमडी विनोद कुमार गुप्ता ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा  

सर्दी को ध्यान में रखकर दिए जा रहे ऑर्डर

देश के इनरवियर मार्केट की लागत लगभग 28,000 करोड़ है. ये देश के कुल कपड़ों के बिजनेस का करीब 10% है. फेडरेशन ऑफ होजरी मैन्युफैक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी अग्रवाल ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, “वर्क फ्रॉम होम (WFH) की वजह से बरमूडा और शॉर्ट्स की बिक्री पिछले साल के मुकाबले इस बार अप्रैल-जून के बीच 50 फीसदी बढ़ गई.”

कई रिटेलर का मानना है कि WFH सर्दी तक चल सकता है और इसी वजह से वो अपने ऑर्डर इस बात को ध्यान में रखकर दे रहे हैं. देशभर में डिपार्टमेंटल स्टोर चलाने वाले 1-इंडिया फैमिली मार्ट का कहना है कि उन्होंने इस बार जैकेट और कोट के ऑर्डर 20 फीसदी कम दिए हैं और इसी अनुपात में स्वेटशर्ट के ऑर्डर बढ़ा दिए हैं.  

महामारी में लोग क्या सर्च कर रहे?

कोरोना वायरस महामारी ने लोगों का काम करने के साथ-साथ सोचने, समझने और इंटरनेट सर्च भी बदल दिया है. इस महामारी से पहले लोग छुट्टियों में बाहर घूमने जाने के लिए गूगल पर फ्लाइट सर्च किया करते थे. कुछ लोग वीकेंड पर बाहर खाने के लिए रेस्टोरेंट्स देखा करते थे, लेकिन कोरोना वायरस के बाद ये ट्रेंड एकदम बदल गया है.

क्योंकि लोगों का घर से बाहर निकलना सीमित हो गया है, तो अब गूगल सर्च में फ्लाइट्स और रेस्टोरेंट के सर्च भी गिर गए हैं. द इकनॉमिस्ट की रिपोर्ट कहती है कि जनवरी से जुलाई के बीच ‘टिकट सर्च’ में सामान्य स्तर से 58% की गिरावट आई है. वहीं, ‘रेस्टोरेंट सर्च’ में सामान्य स्तर से 17% की गिरावट देखी गई.  

WFH और लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर लोग घर पर हैं. लोग अब ऐसी गतिविधियों को अपना रहे हैं, जो वो समय की कमी की वजह से नहीं कर पाते थे. द इकनॉमिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल सर्च पर ‘हेल्दी लिविंग’ से जुड़े पहलुओं के सर्च में बढ़ोतरी देखी गई है. ‘डम्बल’ से संबंधित सर्च सामान्य स्तर से 64 फीसदी बढ़ गया है.

ज्यादातर कंपनियों ने अपने एम्प्लॉइज को घर से काम करने की सुविधा दे दी है
यीस्ट से लेकर हेयर क्लिपर तक, लोगों ने सबसे ज्यादा सर्च किए ये आइटम
(ग्राफिक: कामरान अख्तर/क्विंट हिंदी)

हाउस हेल्प के न होने की वजह से कई लोग खुद ही खाना बना रहे हैं. इसकी वजह से ‘रेसिपी सर्च’ में जनवरी से जुलाई के बीच 22 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं, ऑफिस बंद होने के कारण क्योंकि लोगों को घर पर ही काम करना पड़ रहा है, इसलिए टेबल-कुर्सी की सर्च में भी बढ़त देखने को मिली. वहीं, हेयर क्लिपर और यीस्ट जैसा सामान भी लोग काफी सर्च कर रहे हैं.

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