WhatsApp ने 9 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से कहा कि प्लेटफॉर्म ने अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी (whatsapp privacy policy) को अभी के लिए रोक दिया है. बार एंड बेंच के मुताबिक, कोर्ट WhatsApp और फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें प्राइवेसी पॉलिसी की कॉम्पीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) जांच को चुनौती दी गई थी.
WhatsApp की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया, "हम डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू होने तक यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी मानने के लिए मजबूर नहीं करेंगे."
मेसेजिंग ऐप ने कहा कि प्राइवेसी पॉलिसी नहीं मानने को लेकर वो यूजर्स के लिए फंक्शन सीमित नहीं करेगा. साल्वे ने कहा, "हम स्वेच्छा से पॉलिसी को अभी के लिए रोक रहे हैं."
भारत सरकार ने 3 जून को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि WhatsApp एंटी-यूजर गतिविधियों में लिप्त है. सरकार का कहना था कि WhatsApp पॉलिसी पर यूजर से 'चालाकी से सहमति' ले रहा है.
केंद्र ने बताया था WhatsApp का 'गेम प्लान'
केंद्र सरकार ने कहा था कि WhatsApp भारत में अपने यूजर्स को पुश नोटिफिकेशन भेज रहा है और अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी मंजूर करने के लिए मजबूर कर रहा है. सरकार ने कोर्ट ने मांग की है कि मेसेजिंग प्लेटफॉर्म को ऐसा करने से रोका जाए.
हलफनामे में केंद्र सरकार ने मांग उठाई कि WhatsApp को नई प्राइवेसी पॉलिसी वापस लेने या यूजर को इसे न मानने का विकल्प देने के निर्देश दिए जाएं.
केंद्र ने WhatsApp पर आरोप लगाया था कि वो पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (PDP) बिल के कानून बनने से पहले अपने पूरे यूजरबेस से नई प्राइवेसी पॉलिसी मंजूर कराना चाहता है.
केंद्र के हलफनामे में कहा गया था, "गेम प्लान बहुत साफ है. PDP बिल के कानून बनने से पहले मौजूदा यूजरबेस को 2021 प्राइवेसी पॉलिसी पर ट्रांसफर कर दे." भारत सरकार ने कहा था कि CCI का कहना है WhatsApp ने कॉम्पीटीशन कानून 2002 के सेक्शन 4 का उल्लंघन किया है.
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