WhatsApp ने अपने प्लेटफार्म पर मैसेज के सोर्स का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने से इनकार कर दिया है. सरकार ने कंपनी से इस तरह की टेक्नोलॉजी डेवलप करने की मांग की थी, जिसे उसने ठुकरा दिया है. सरकार चाहती है कि WhatsApp अपने प्लेटफॉर्म में कुछ ऐसे बदलाव करे जिससे फर्जी जानकारी या फेक न्यूज के सोर्स का पता लगाया जा सके.
अब इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, सरकार जल्द ही WhatsApp जैसी कंपनियों की जवाबदेही तय करने के लिए गाइडलाइन ला सकती है और पुराने कानून में बदलाव कर सकती है, जिससे ये कंपनियां फेक न्यूज और फर्जी जानकारी के मामले में तुरंत कार्रवाई करें.
फेक न्यूज बनी है कई मौतों का कारण
आपको पता होगा कि पिछले कुछ महीनों में फेक न्यूज की वजह से देश के कई राज्यों में मॉब लिंचिंग की वारदातें हुईं, जिसमें कई लोगों की जान चली गई. इस बारे में WhatsApp के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह का सॉफ्टवेयर बनाने से एक किनारे से दूसरे किनारे तक कोडिंग (सॉफ्टवेयर कोड लैंग्वेज) पर असर पड़ेगा और WhatsApp में कई तरह के दूसरे असर भी होंगे. ऐसा करने से प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की और संभावना पैदा होगी. हम प्राइवेसी प्रोटेक्शन को कमजोर नहीं करेंगे.
WhatsApp का गलत इस्तेमाल रोकना प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि लोग व्हॉट्सएप के जरिये सभी तरह की संवेदनशील जानकारी भेजते या पाते हैं. चाहे वो उनके मेडिसिन से जुड़ी हो, बैंक या परिवार से जुड़ी हो. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान भारत में दूसरों के साथ मिलकर काम करने और लोगों को गलत खबर के बारे में शिक्षित करने पर है. इसके जरिये हम लोगों को सुरक्षित रखना चाहते हैं.'' पिछले कुछ महीने के दौरान व्हॉट्सएप के मंच से कई फर्जी खबरों का प्रसार हुआ है जिससे भारत में भीड़ की पिटाई से लोगों की हत्या की घटनाएं हुई हैं. इसको लेकर कंपनी आलोचनाओं का सामना कर रही है.
WhatsApp चीफ ने की थी मुलाकात
Whatsapp चीफ क्रिस डेनियल्स ने इसी हफ्ते सप्ताह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की थी. प्रसाद ने कहा था कि सरकार ने व्हॉट्सएप से स्थानीय कॉरपोरेट इकाई बनाने और फर्जी मैसेज के सोर्स का पता लगाने को टेक्नोलॉजी डेवलप करने को कहा. हालांकि, इसके साथ ही प्रसाद ने फेसबुक की कंपनी व्हॉट्सएप के भारत की डिजिटल कहानी में योगदान की सराहना भी की. बैठक के बाद डेनियल्स ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.
चुनाव में दखल रोकने की कोशिश
देश में अगले साल आम चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठा रही है. दुनियाभर में Whatsapp के यूजर्स की संख्या डेढ़ अरब है. भारत कंपनी के लिए सबसे बड़ा बाजार है. यहां Whatsapp का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या दो करोड़ से भी ज्यादा है.
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