नीरव मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी, दाउद इब्राहिम और मेहुल चोकसी जैसे कई भगोड़े दूसरे देशों में छिपे हुए हैं. अक्सर वित्तीय अपराध के आरोपी कैरैबिआई देशों में जाकर छिप जाते हैं. मेहुल ने भी वही किया. लेकिन एंटीगुआ में अब कुछ अजब हो रहा है. पहले तो एंटीगुआ ने मेहुल को पनाह दी. तीन साल तक अपनी पनाह में रखा और अब जब वो डोमिनका में गिरफ्तार हो चुका है, एंटीगुआ के पीएम ब्राउन उसे भारत भेजने की पैरवी कर रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों हैं? इस देश के नागरिकता नियम क्या हैं?
सबसे पहले पढ़िए एंटीगुआ के पीएम क्या-क्या कह चुके
एंटीगुआ न्यूज रूम के साथ हुई बातचीत में प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा कि ‘उसे एंटीगुआ प्रत्यर्पित न करें. उसे भारत लौटाने की जरूरत है जहां वह अपने खिलाफ लगे आपराधिक आरोपों का सामना कर सके.’
एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा कि "हमारा देश मेहुल चोकसी को स्वीकार नहीं करेगा. उसने इस द्वीप से जा कर बड़ी गलती की है. डोमिनिका की सरकार और अधिकारी हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं और हमने भारत सरकार को भी सूचित कर दिया है कि उन्हें भारत को सौंप दिया जाएगा."
ब्राउन ने कहा, "डोमिनिका चोकसी को वापस भेजने को तैयार है मगर हम उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे. मैंने डोमिनिका के प्रधानमंत्री और प्रशासन से अपील की है कि उसे हमारे यहां न भेजें, क्योंकि यहां बतौर नागरिक उन्हें कानूनी और संवैधानिक सुरक्षा हासिल है."
पीएम ने यह भी कहा कि "हमने गुजारिश की है कि उसे हिरासत में लेकर भारत को सौंपने का इंतजाम किया जाए. मुझे नहीं लगता कि उसने डोमिनिका की नागरिकता ली है. इसलिए डोमिनिका को उनके प्रत्यर्पण में कोई दिक्कत नहीं होगी."
एंटीगुआ के पीएम ने हाल ही में कहा है कि अगर मेहुल अपनी नागरिकता छोड़ता है, तो हम उसके पैसे वापस लौटा देते. लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि अगर मेहुल चोकसी दोबारा एंटीगुआ आता है, तो उसे कानूनी मदद मिलेगी.
एंटीगुआ में विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन को निशाने पर लिया था. लेकिन एंटीगुआ में खुद प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने विपक्ष पर आरोप लगा दिया और कहा कि मेहुल चोकसी उनके देश की विपक्षी पार्टियों को फंड कर रहा है. ताकि अगर वो सत्ता में आए तो उसे एंटीगुआ में रोका जा सके.
ABP न्यूज से बात करते हुए पीएम ब्राउन ने कहा, ‘’भारत और एंटीगुआ-बारबुडा के बीच मजबूत रिश्ते हैं. हम चाहेंगे कि अच्छे लोग आएं जिनका चरित्र भी अच्छा हो. ऐसे लोग न आएं जो कानून के भगोड़े हों. भारत के लोग ऐसे मामलों में एंटीगुआ बारबुडा से पूरे सहयोग की उम्मीद रख सकते हैं.’’
इंडिया टुडे के साथ हुई एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन की बातचीत में उन्होंने कहा कि “हमने डोमिनिकन सरकार से अपील की है कि वो मेहुल चोकसी को हिरासत में रखें, उसे किसी तरह की छूट ना दें और सीधे भारत ही डिपोर्ट कर दें. मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में निवेश को लेकर उन्होंने कहा कि चोकसी का निवेश सिर्फ 1 लाख डॉलर है, जो काफी कम है.”
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एक अंतर्रराष्ट्रीय समारोह में जब पीएम ब्राउन से चोकसी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा था कि 'हमारी मेहुल को रखने की कोई इच्छा नहीं है. वो हमारे किसी काम के नहीं हैं. लेकिन मेहुल के बारे में भारतीय अधिकारियों ने ही स्वीकृति दी थी कि वो अच्छे व्यक्ति हैं. भारत ने हमें गलत जानकारी दी और इसकी जिम्मेदारी भारतीय अधिकारियों को लेनी होगी. हमने भारतीय अधिकारियों की दी जानकारी के आधार पर मेहुल को नागरिकता दी और अब वो कह रहे हैं कि मेहुल धोखेबाज हैं.'
पीएम ने चिट्ठी में क्या लिखा था?
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन की एक चिट्ठी भी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि कि मेहुल ने नागरिकता से संबंधित जानकारी छिपाई थी. चिट्ठी में कहा गया है कि मेहुल चोकसी ने तथ्यों को छुपाया और अपने मामले को गलत तरीके से पेश किया.
14 अक्टूबर 2019 को लिखी चिट्ठी में पीएम ने कहा था कि मैं एंटीगुआ और बारबुडा नागरिकता अधिनियम, कैप 22 की धारा 8 के मुताबिक एक आदेश देने का प्रस्ताव करता हूं ताकि आपको सामग्री तथ्यों को जानबूझकर छिपाने के आधार पर एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता से वंचित किया जा सके.
इसके उन्होंने लिखा था कि मैं आपको एंटीगुआ और बारबुडा नागरिकता अधिनियम की धारा 10 के तहत जांच करने के आपके अधिकार और इस जांच में अपनी पसंद का कानूनी प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के अधिकार की भी सलाह देता हूं. आपको इस नोटिस के प्राप्त होने के एक महीने के भीतर जवाब देना होगा.
डोमिनिका ने कहा-अवैध प्रवेश का है मामला
एंटीगुआ एंड बारबुडा से भागे चोकसी को इंटरपोल के उसके खिलाफ जारी येलो नोटिस के बाद पकड़ लिया गया था. इंटरपोल लापता लोगों का पता लगाने के लिए येलो नोटिस जारी करता है.
डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि मेहुल को देश में अवैध तौर पर प्रवेश करने के आरोप में ‘हिरासत’ में लिया गया है.
डोमिनिका पुलिस पहले ही मेहुल चोकसी के उन आरोपों को खारिज कर चुकी है जिसमें कहा गया है कि उसका अपहरण कर एंटीगुआ से डोमिनिका लाया गया है. उसे यातनाएं देने की बात भी पुलिस ने नकार दी है. पुलिस ने अपहरण के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है.
प्रत्यपर्ण में दिक्कत
किसी के भी प्रत्यर्पण के लिए दो देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि यानी एक्सट्रडीशन ट्रीटी होना जरूरी है. यानी दो देशों ने समझौता किया हो कि अगर उन्हें अपने देश में दूसरे देश का वॉन्टेड व्यक्ति मिलेगा, तो वो उसे वापस भेज देंगे.
प्रत्यर्पण संधि न भी हो, तो एक्सट्रेडीशन अरेंजमेंट से काम बन सकता है. इसमें दोनों देश अंतर्रराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर आरोपी को एक-दूसरे को सौंप देते हैं. लेकिन एंटीगुआ न तो उन 47 देशों में शामिल है, जिनके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है और न उन 11 देशों में जिनके साथ प्रत्यर्पण अरेंजमेट है.
आदित्य राज के मुताबिक "पोर्ट ऑफ स्पेन में पदस्थ भारतीय हाई कमिश्नर अरुण कुमार साहू डोमिनिका, एंटीगुआ और इंटरपोल के साथ संपर्क में हैं. जिस तरह छोटा राजन और क्रिश्चियन माइकल के दूसरे देश के नागरिक होने के बावजूद प्रत्यर्पण में भारत को सफलता मिली थी, उसी तरह इस केस में भी मिल सकती है."
वैक्सीन मैत्री का एंगल
इन दिनों कोरोना वैक्सीन को लेकर जद्दोजहद चल रही है. मार्च 2021 में भारत ने एंटीगुआ को लगभग 40 हजार वैक्सीन दी थी, जिन्हें खुद पीएम ब्राउन ने एयरपोर्ट पर रिसीव किया था.
ऐसे में एंटीगुआ के पीएम ने वैक्सीन मैत्री का जिक्र करते हुए कहा कि मैं भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. जिसमें उन्होंने 5 लाख वैक्सीन कैरेबियन क्षेत्र के लोगों को मुहैया कराए. इसने हजारों लोगों की जानें बचाने में अहम भूमिका निभाई.’’
वहीं डोमिनिका को भी भारत ने वैक्सीन प्रदान की है. बीबीसी की रिपोर्ट में विदेश मामलों के जानकार आदित्य राज कौल कहते हैं कि भारत ने वैक्सीन मैत्री के तहत डोमिनिका को कोविशील्ड की हजारों डोज मुहैया कराई थीं. इसके बाद वहां के पीएम रूज़वेल्ट स्केरिट ने भावुक होकर कहा था कि भारत ने उनकी गुहार सुनी. वहीं इससे पहले 2011, 2015 और 2017 में भी भारत डोमिनिका की मानवीय आधार पर मदद की थी.
एंटीगुआ और डोमिनिका की सरकारों के सहयोगी रुख के पीछे ये भी वजह हो सकती है. वैसे भी अभी उन्हें और वैक्सीन की जरूरत है.
एंटीगुआ में ऐसे मिलती है नागरिकता
मेहुल चोकसी ने 2018 में एंटीगुआ की नागरिकता हासिल की थी. हेनली एंड पार्टनर्स के अनुसार एंटीगुआ की नागरिकता पाने के चार तरीके हैं.
पहला, आप एंटीगा के नेशनल डेवलपमेंट फंड में एक लाख अमेरिकी डॉलर दान कीजिए.
दूसरा, आप यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंडीज में डेढ़ लाख अमेरिकी डॉलर दान कीजिए.
तीसरा, सरकारी इजाजत वाले रियल एस्टेट में दो लाख अमेरिकी डॉलर इन्वेस्ट कीजिए.
चौथा, नागरिकता पाने के लिए तय किए गए किसी बिजनेस में डेढ़ लाख अमेरिकी डॉलर इन्वेस्ट कीजिए.
एंटीगा का नागरिक एक साथ दो नागरिकता रख सकता है. वहीं सुरक्षा के लिहाज़ से एंटीगा दूसरे मुल्कों को किसी शख्स के नागरिकता लेने के बारे में सूचित नहीं करता है. लेकिन 2014 में वहां की सरकार ने ये फैसला जरूर किया था कि नागरिकता लेने वाला अपना नाम नहीं बदल सकता है.
एक नजर एंटीगुआ और डोमिनिका की प्रोफाइल पर
एंटीगुआ और बारबुडा :
एंटीगुआ और बारबुडा, उत्तर अमेरिका महाद्वीप में कैरेबियन क्षेत्र में एक द्वि-द्वीपिय देश है. यह कैरेबियन सागर और अटलांटिक महासागर के बीच स्थित है. स्थायी जनसंख्या संख्या लगभग 99,000 के आसपास है. जिसमें 97% एंटीगुआ के निवासी हैं. राजधानी और सबसे बड़ा बंदरगाह और शहर सेंट जॉन पर एंटीगुआ है, जिसमें कोडिंगटन बारबुडा पर सबसे बड़ा शहर है. एंटीगुआ और बारबुडा, लेवर्ड द्वीप समूह के बीच में हैं, जो कि लेवल एंटीलिज का हिस्सा है. इसका कुल एरिया 443 वर्ग किलोमीटर है. एंटीगुआ से डोमिनिका की दूरी लगभग 120 मील है.
डोमिनिका :
डोमिनिका, पूर्वी कैरेबियाई सागर में लेजर एंटिलेस का एक द्वीप देश है. यह ग्वाडेलूप और मैरी-गलांते के फ्रेंच द्वीप के बीच में स्थित है. खास बात है कि यह देश 1978 में आजादी के बाद से ही कॉमनवेल्थ का सदस्य है. डोमिनिका की राजधानी रोज है. यह देश प्राकृतिक सुंदरता, पहाड़ के लिए मशहूर है. प्रकृति प्रेमियों के बीच यह जगह खासी लोकप्रिय है.
2019 में डोमिनिका की जनसंख्या 71 हजार 808 थी. डोमिनिका की आबादी का ज्यादातर हिस्सा अफ्रीकी मूल का है, लेकिन यहां यूरोपीय, भारतीय उपमहाद्वीप और कैरेबियाई लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं. खास बात है कि यह एकमात्र ऐसा द्वीप है, जहां कैरेबियाई भारतीयों की संख्या का बड़ा समूह रहता है. अंग्रेजी यहां कि आधिकारिक भाषा है, लेकिन फ्रेंच पेटोइस आमतौर पर बोली जाती है. जबकि, यहां की मूल भाषा कैरेबियाई नामों और कई जगहों पर नजर आती है. यहां की आबादी में सबसे ज्यादा लोग रोमन कैथोलिक हैं. डोमिनिका कैरेबियाई देशों के सबसे गरीब देशों में से एक है.
मेहुल की पत्नी उठा रही है सवाल
बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए गए इंटरव्यू में प्रीति चोकसी ने कहा है कि “मुझे इस बात को लेकर आश्चर्य होता है कि 5:30 बजे मेहुल ने बोट पकड़ी थी. लेकिन वहां उसे किसी ने नहीं देखा. जॉली हार्बर में एक भी वीडियो सर्वलांस कैमरा काम नहीं कर रहा था. इसके साथ ही यह भी हैरानी की बात है कि अगले दिन जहां सात बजे के आसपास कार बरामद हुई, वहीं पर बीती रात को 3 बजे पुलिस ने पेट्रोलिंग की थी. लेकिन कार रहस्यमयी तरीके से सुबह 7:30 बजे दिखी.”
प्रीति ने यह भी कहा है कि मेहुल का एंटीगुअन पासपोर्ट एंटीगुआ में ही है. वह तीन साल से आईलैंड के बाहर नहीं गया है. वह 63 साल का है, बीमार रहता है.
प्रीति आगे कहती हैं कि हमारे लिए एंटीगुआ की धरती दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह है. ऐसे में वो यहां से क्यों जाएंगे. "मेहुल की फरारी की कहानी गढ़ी जा रही है. मेहुल को खुद की हत्या का डर सताने लगा है."
वकील ने कहा किडनैपिंग हुई
मेहुल चोकसी के वकील का दावा है कि उसे किडनैप किया गया था, जबकि ये भी कहा जा रहा है कि मेहुल चोकसी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डोमिनिका में आया था.
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा है कि ''काफी प्रयासों के बाद जब चोकसी से वकीलों की मुलाकात हुई तो उसने हैरान करने वाली यह बात बतायी कि उसे एंटीगुआ में जॉली बंदरगाह में एक जहाज में ''जबरन'' बैठाया गया और उसे डोमिनिका लाया गया.
अग्रवाल ने आगे कहा कि चोकसी के शरीर पर कुछ निशान भी मिले हैं, जिससे लगता है कि कुछ गड़बड़ है. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि चोकसी को दूसरे देश ले जाने की रणनीति बनायी गयी ताकि उसे भारत भेजा जा सके. मुझे नहीं पता कौन सी ताकतें काम कर रही हैं.''
डोमिनिका में विपक्ष के नेता लिनॉक्स लिंटन ने अपने देश की सरकार पर आरोप लगाया है कि मेहुल चोकसी जिस तरह एंटीगुआ से गायब होकर यहां पाया गया है, उसने सरकार की मिलीभगत की ओर इशारा किया है.
वहीं डोमिनिका से पहले एंटीगुआ में भी विपक्षी पार्टी ने वहां के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन को निशाने पर लिया था. लेकिन एंटीगुआ में खुद प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने विपक्ष पर आरोप लगा दिया और कहा कि मेहुल चोकसी उनके देश की विपक्षी पार्टियों को फंड कर रहा है. ताकि अगर वो सत्ता में आए तो उसे एंटीगुआ में रोका जा सके.
विपक्ष को पैसा खिलाने का भी आरोप
एंटीगा के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि मेहुल चोकसी उनके देश के विपक्षी पार्टी यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी को फंड देते हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि चोकसी के समर्थन में पार्टी के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया है.
टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार मेहुल चोकसी के भाई चेतन चोकसी डोमिनिका पहुंचे. डोमिनिकन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों का आरोप है कि चेतन चोकसी ने वहां विपक्ष के नेता से मुलाकात की और मेहुल चौकसी को भारत निर्वासित करने के खिलाफ समर्थन मांगा. स्थानीय डोमिनिकन मीडिया में बताया जा रहा है कि चेतन चोकसी ने डोमिनिका के विपक्षी नेता लेनोक्स लिंटन को घूस के तौर पर 2 लाख अमेरिकी डॉलर दिए हैं. खबरों के मुताबिक चेतन चोकसी हांगकांग से डोमिनिका तब पहुंचा जब उसे इस बात की जानकारी हुई कि उसके भाई को हिरासत में लिया गया है.
वहीं डोमिनिका में इस मामले पर विपक्ष के नेता लेनोक्स लिंटन ने कहा कि अंतर्रराष्ट्रीय सीमाओं के पार इस तरह किसी भी व्यवसायी को गिरफ्तार करना अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट सरकार इस बारे में सारी जानकारी थी.
इसके साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि मेहुल चोकसी बिना पासपोर्ट के डोमिनिका आया था, यह कैसे हो सकता है? सरकार से पूछा जाना चाहिए कि आखिर उसे बगैर पासपोर्ट एंट्री कैसे मिल गई?
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