सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा है कि उन्हें और उनके पति को मानवाधिकार के क्षेत्र में किए गए उनके कामों के लिए CBI निशाना बना रही है. उनके ये आरोप तब सामने आए, जब CBI ने 11 जुलाई को इंदिरा के घर और लॉयर्स कलेक्टिव नाम के एक NGO पर छापेमारी की. बता दें कि लॉयर्स कलेक्टिव NGO को इंदिरा के पति आनंद ग्रोवर चलाते हैं.
कौन हैं इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर?
इंदिरा जयसिंह कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल थीं. उनको यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है. इंडिया टुडे के मुताबिक, सोनिया गांधी इंदिरा जयसिंह के एक्टिविज्म से काफी प्रभावित थीं. ऐसे में साल 2009 में इंदिरा को भारत की पहली महिला एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया. दूसरी तरफ इंदिरा नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचक के तौर पर देखी जाती हैं.
पिछले दिनों इंदिरा भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ कथित सेक्सुअल हैरेसमेंट मामले पर भी मुखर रही थीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिस तरह लिया था, इंदिरा ने उसे लेकर सवाल उठाए थे.
बात आनंद ग्रोवर की करें तो उन्हें सामाजिक मुद्दों पर उनकी वकालत के लिए जाना जाता है. इन मुद्दों में समलैंगिकता के खिलाफ लड़ाई और HIV/AIDS को लेकर जागरूकता अहम रहे हैं. ग्रोवर '2G घोटाले' मामले में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर भी रहे थे.
CBI ने किस मामले में की छापेमारी?
CBI ने इंदिरा के पति आनंद ग्रोवर को विदेशी वितरण (विनियम) अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन का आरोपी बनाया है. इस एजेंसी ने गृह मंत्रालय की शिकायत पर ग्रोवर और उनके NGO के खिलाफ FIR दर्ज की थी. मंत्रालय की शिकायत में NGO को मिले विदेशी फंड के मामले में अनियमितता के आरोप लगाए गए थे.
CBI की FIR में इंदिरा जयसिंह का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं है, लेकिन गृह मंत्रालय की शिकायत में उनकी भूमिका का जिक्र था.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉयर्स कलेक्टिव को सामाजिक काम करने के लिए पंजीकृत कराया गया था और इसे 2006-07 से 2014-15 तक 32.39 करोड़ रुपये मिले. मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि इस NGO के मामले में FCRA के उल्लंघन का खुलासा 2010 में हुआ.
इस साल जून में गृह मंत्रालय ने लॉयर्स कलेक्टिव का विदेशी वितरण (विनियम) अकाउंट सस्पेंड कर दिया था. मंत्रालय ने इस NGO को नोटिस भेजकर पूछा था कि उसका अकाउंट रद्द क्यों ना किया जाए? अपने आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा था कि इंदिरा जयसिंह ने FCRA नियमों का उल्लंघन किया है.
मंत्रालय के मुताबिक, इंदिरा जब एडिशनल सॉलिसिटर जनरल थीं, तब उन्होंने विदेशी फंड लिया था. FCRA के तहत सरकारी कर्मचारियों को विदेशी फंड लेने की अनुमति नहीं होती.
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