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COVID वैक्सीन के एक्सपर्ट पैनल पर इतना पर्दा क्यों?नाम भी नहीं पता

SEC के सदस्यों की जानकारी सार्वजानिक नहीं की गई

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“ये पारदर्शिता के हित में होगा कि COVID-19 वैक्सीन के लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) के सदस्यों की जानकारी पब्लिक डोमेन में होनी चाहिए क्योंकि इससे हमें पता चलेगा कि किन मुख्य एक्सपर्ट से सलाह ली गई थी. खासकर इस महामारी की स्थिति में जानकारी छुपाने से मदद नहीं होगी, बल्कि लोगों के दिमाग में संदेह और सवाल बढ़ेंगे.” 
डॉ अनंत भान, रिसर्चर, ग्लोबल हेल्थ एंड बायोएथिक्स  
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सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की SEC को COVID-19 वैक्सीनों के लिए आने वाली इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन निवेदनों के आकलन और उनकी सिफारिश का काम मिला था.

कई बैठकों में विचार-विमर्श के बाद SEC ने 2 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट की Covishield और भारत बायोटेक की Covaxin को मंजूरी देने की सिफारिश की.

लेकिन क्या हम जानते हैं कि SEC के सदस्य कौन थे?

नहीं. हमें CDSCO की प्रेस रिलीज से SEC के बारे में सिर्फ इतना पता है कि 'इसमें पल्मोनोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पेडियाट्रिक्स, इंटरनल मेडिसिन और कई फील्ड के डोमेन नॉलेज एक्सपर्ट्स हैं.'

हालांकि, सिर्फ नाम या अनुभव या उनका पद बता देना काफी नहीं है. क्या हमें SEC एक्सपर्ट्स के बारे में और जानने का अधिकार नहीं है? ये वो लोग हैं जो महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं और हम सभी प्रभावित होंगे.

क्या इंटरनेशनल रेगुलेटरी संस्थान पारदर्शिता रखते हैं?

अमेरिका में कोरोना वायरस वैक्सीन की सलाह देने वाले एडवाइजरी पैनल फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक्सपर्ट्स के नाम के साथ-साथ बैठकों में हुई बातचीत की जानकारी दी और बैठकों की वेब रिकॉर्डिंग भी मुहैया कराई. लोग देख और सुन सकते थे कि एक्सपर्ट्स और वैक्सीनों के प्रतिनिधियों के बीच क्या बातचीत हुई.

वहीं, यूनाइटेड किंगडम की रेगुलेटरी अथॉरिटी मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने भी एक्सपर्ट्स के नामों के अलावा बैठकों में हुई बातचीत की जानकारी दी.

MHRA ने Pfizer/BioNtech वैक्सीन को दी गई इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी से संबंधित कई डॉक्यूमेंट भी अपलोड किए. इसमें प्रोफेशनल्स, जिन्हें वैक्सीन दी जाएगी, किस आधार पर इजाजत दी गई जैसी जानकारी थी.  

मार्च 2020 में CDSCO ने COVID-19 ड्रग्स और वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए SEC को नोटिफाई किया था. तब से एक्सपर्ट्स और NGO SEC सदस्यों के फैसलों को लेकर पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं.

ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क (AIDAN) ने CDSCO के प्रमुख को कई ईमेल किए और COVID-19 SEC बैठक की जानकारी जुटाने और सदस्यों के नाम और पद सार्वजानिक करने को कहा. AIDAN कई NGO का एक स्वतंत्र नेटवर्क, जो जरूरी दवाइयों के तर्कसंगत इस्तेमाल के लिए काम करता है.

CDSCO ने SEC की बैठकों की जानकारी तो सार्वजानिक की लेकिन सदस्यों के नाम नहीं.

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क्या SEC बैठकों की जानकारी संतोषजनक है?

तथ्य ये है कि CDSCO की वेबसाइट पर अपलोड की गई ये जानकारी जनता को संतोषजनक सूचना नहीं देती.

उदाहरण के लिए, 1 जनवरी को भारत बायोटेक के निवेदन पर टिप्पणी करते हुए SEC ने कहा कि Covaxin में म्युटेटेड कोरोना वायरस स्ट्रेन को टारगेट करने का ‘पोटेंशियल’ है, लेकिन कंपनी की तरफ से दिया गया डेटा काफी नहीं है. इसलिए SEC ने इमरजेंसी इस्तेमाल का निवेदन देने से इनकार कर दिया.

लेकिन अगले ही दिन SEC ने मंजूरी की सिफारिश की और कहा, "कंपनी ने नॉन-ह्यूमन प्राइमेट चैलेंज स्टडी से सेफ्टी और एफिकेसी डेटा दिया है, जहां वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है."

सवाल ये है कि:

  • 24 घंटों में भारत बायोटेक ऐसा कौन सा डेटा ले आई कि फेज 3 ट्रायल्स में होने के बावजूद Covaxin को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई?
  • हमें ये भी नहीं पता कि SEC का फैसला सर्वसम्मति से हुआ था या किसी सदस्य ने आपत्ति जताई थी.
  • कंपनी और एक्सपर्ट पैनल के बीच क्या बातचीत हुई?
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“मेरे लिए ये बहुत जरूरी है कि सेफ्टी और एफिकेसी डेटा हो. मैंने वैक्सीनों के साथ इतना लंबा काम तो किया ही है कि ये पता हो इम्युनोजेनिसिटी का मतलब एफिकेसी नहीं होता. तो मैं भारत बायोटेक के कुछ क्लीनिकल एफिकेसी डेटा को देखना चाहूंगी.” 
डॉ गगनदीप कांग, वायरोलॉजिस्ट

दिलचस्प रूप से SEC सदस्यों का नाम सार्वजानिक न करना CDSCO का तरीका नहीं रहा है. उदाहरण के लिए, CDSCO ने दूसरी बैठकों की जानकारी में टेक्निकल एक्सपर्ट्स कमेटी के सदस्यों के नाम बताए हैं.

एक्सपर्ट्स का सवाल है कि सरकार इन सदस्यों की जानकारी क्यों नहीं साझा कर रही? क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है.

“बातचीत की विस्तृत जानकारी दी जाए, जिसमें एक्सपर्ट्स के सवाल और कंपनी के प्रतिनिधियों के जवाब, दिया गया डेटा जैसी जानकारी हो. हम और जानकारी देखना चाहेंगे.”  
डॉ अनंत भान, रिसर्चर, ग्लोबल हेल्थ एंड बायोएथिक्स  

हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और CDSCO को लिखा है और उनका जवाब आने के बाद आर्टिकल अपडेट किया जाएगा.

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