उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) परीक्षाओं में धांधली को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में दिख रहे हैं. सीएम ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.
योगी ने कहा, "किसी को भी कानून से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा. सभी आयोगों को ये साफ कर दिया है कि परीक्षाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए. जो लोग युवाओं के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश करेंगे, उन्हें जेल भेज दिया जाएगा."
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाग में एक भर्ती घोटाले के संबंध में पशुपालन विभाग के निदेशक समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
'घूसखोरी की भेंट चढ़ी यूपीपीएससी परीक्षाएं'
बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपीपीएससी परीक्षाओं को घूसखोरी की भेंट चढ़ा दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार कमीशनखोरों का हित देखने में मस्त है. प्रियंका ने एक 'ट्वीट' में कहा ''यूपीपीएससी का पेपर छापने का ठेका एक डिफॉल्टर को दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया, ''सरकार की नाक के नीचे युवाओं को ठगा जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार डिफॉल्टरों और कमीशन खोरी का हित देखने में मस्त है.''
यूपीपीएससी परीक्षा में हुई थी धांधली
प्रियंका ने ट्वीट के साथ कुछ खबरों की कटिंग भी टैग की है, जिनमें यूपीपीएससी की एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों के लिए पिछले साल 29 जुलाई को हुई परीक्षा का पर्चा एक दिन पहले ही लीक होने के मामले में प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की ओर से आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार के गुरुवार को मारे गए छापे और गिरफ्तारी का जिक्र है.
एसटीएफ की जांच में अंजूलता की नकल माफिया के साथ साठगांठ का खुलासा हुआ है. इस परीक्षा का प्रश्नपत्र कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमारकर के प्रेस में होनी थी, जिसे पर्चा लीक करने के आरोप में पहले ही डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका था. कौशिक के यहां से यूपीपीएससी के होने वाले मेन एग्जाम का क्वेशन पेपर भी मिला था. इस खुलासे के बाद आयोग ने पीसीएस, एसीएफ और आरएफओ मुख्य परीक्षाओं समेत कुल 10 परीक्षाओं को कैंसिल कर दिया है.
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