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कर्नाटक हिजाब विवादः हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को हिजाब मामले में वकीलों से शुक्रवार तक अपनी दलीलें समाप्त करने को कहा था

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कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka Hijab Controversy) ने शुक्रवार, 25 फरवरी को 11 दिनों तक लगातार सुनवाई के बाद हिजाब मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. हिजाब मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट में आज दोपहर 2:30 बजे फिर से शुरू हुई थी.

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याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील यूसुफ मुछला ने अपने प्रत्युत्तर में कहा कि याचिकाकर्ता को सिर को कपड़े से ढकने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "कॉलेज के लिए हमें ऐसा करने से रोकना सही नहीं है."

कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को हिजाब मामले में वकीलों से शुक्रवार तक अपनी दलीलें समाप्त करने को कहा था. इससे संकेत मिलता है कि जल्द ही इस मामले में फैसला आ सकता है.

हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जो तीन जजों की पीठ का हिस्सा हैं, उन्होंने वकीलों से कहा कि तर्क शुक्रवार तक समाप्त हो जाने चाहिए. उन्होंने पार्टियों से दो से तीन दिनों के भीतर अपनी लिखित दलीलें देने को भी कहा है.

छात्रा ने 31 जनवरी को दायर की थी याचिका

इससे पहले मुस्लिम छात्राओं को कर्नाटक के उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज ने हिजाब (Udupi Hijab controversy) पहनने के चलते एंट्री से इनकार कर दिया था, इसके बाद अब एक छात्रा ने 31 जनवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

इस याचिका में मांग की गई कि छात्रों को हिजाब पहनकर कॉलेज में जाने का अधिकार दिया जाए. याचिका में ये भी मांग की गई कि उन्हें बिना किसी हस्तक्षेप के अपनी कक्षाओं में बैठने दिया जाए.

उडुपी में सरकारी पीयू कॉलेज ने 28 दिसंबर 2021 को कई मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में एंट्री से रोक दिया था, क्योंकि उन्होंने अपनी धार्मिक परंपराओं के अनुसार अपनी स्कूल यूनिफॉर्म के साथ हिजाब (हेडस्कार्फ) पहनने की मांग की थी.

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