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लालू प्रसाद यादव के घर CBI छापा,रेल मंत्री रहते हुए जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप

Lalu Prasad Yadav के खिलाफ जो केस दर्ज हुआ है वो रेलवे में नौकरी घोटाले के लिए जमीन से जुड़ा मामला है.

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आरजेडी (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनकी बेटी के खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया है. इस सिलसिले में लालू और उनके परिवार से जुड़ी दिल्ली और बिहार की 17 जगहों पर छापे चल रहे हैं. ये केस रेलवे भर्ती में घोटाले का है. आरोप कि लालू ने जमीन लेकर लोगों को नौकरियां दीं.

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सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है.

सीबीआई की एक टीम राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड भी पहुंची. वहां भी टीम जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि राबड़ी आवास पर पहुंची सीबीआई की टीम में महिला और पुरुष अधिकारी दोनों ही शामिल हैं. सीबीआई की इस टीम में कुल 10 लोग हैं जो राबड़ी आवास में जांच कर रहे हैं. इस दौरान आवास में किसी को भी आने-जाने से रोक दिया गया है. इस बीच राबड़ी देवी ने अपने वकील को भी बुलाया है.

बिहार में विरोध, सियासी हलचल

जैसे ही लालू के घर पर रेड की खबर आई, आरजेडी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की.

लालू यादव से जुड़ी कई जगहों पर चल रही सीबीआई की छापेमारी पर लालू यादव के भाई प्रभुनाथ यादव ने कहा- "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बीमार व्यक्ति को जानबूझकर इस तरह परेशान किया जा रहा है. यह सभी जानते हैं कि इसके पीछे कौन है."

वहीं बीजेपी नेता सुशील मोदी ने सीबीआई की इस छापेमारी पर कहा कि, "जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तो उन्होंने ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले में कई लोगों से जमीन दान करने के लिए कहा था. फिर 5-6 साल बाद उन जमीनों को खुद को उपहार में दे दिया. यह उनके काम करने का ढंग था."

जीतन राम मांझी का तेजस्वी पर निशाना

इस रेड को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के चीफ और पूर्व सहयोगी जीतन राम मांझी ने एक अलग ही एंगल दिया है. उन्होंने ट्वीट कर तेजस्वी यादव के ब्रिटेन जाने और CBI रेड की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने लिखा है- घर का भेदी लंका ढाए, मौका देख बाहर उड़ जाए.

सीबीआई द्वारा लालू से जुड़ी जगहों पर पड़ रहे छापे के बीच आरजेडी के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया गया कि, "जिस लालू जी ने रेलवे को 90,000 करोड़ का मुनाफा दिया, जिस लालू ने लाखों युवाओं के लिए रेलवे में भर्ती निकाली,कुलियों को स्थायी किया उस लालू पर 15 साल बाद छापा मरवाया जा रहा है. और जिस संघ व मोदी-शाह ने रेलवे को बेच दिया, स्टेशन बेच दिए, 72000 पदों को डकार गए वो ईमानदार बन रहे है."

इससे पहले आरजेडी के हैंडल से एक और ट्वीट हुआ कि, "रेलवे के इतिहास में लालू जी का कार्यकाल स्वर्णिम रहा है. सबसे ज्यादा नौकरियां,सबसे ज्यादा मुनाफा, सबसे ज्यादा गरीब/आम आदमी के लिए ट्रेनें और सुविधा, नई रेल लाइन का विस्तार इत्यादि अनेकों कीर्तिमान लालु जी के नाम हैं. गुजराती तड़ीपार-भोगी से बिहारी डरने वाले नहीं हैं."

आरजेडी ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "तथाकथित रेल्वे से सम्बंधित घोटाले में अनगिनत बार छापामारी हुई है और मिला कुछ नहीं. 2004-09 तक आदरणीय लालु जी रेल मंत्री थे. आज 13 साल बाद भी अगर सीबीआई को छापा मारना पड़ रहा तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कितनी घटिया स्तर की जांच एजेन्सी है. CBI लालु परिवार झुकने और डरने वाला नहीं है"

साथ आरजेडी ने सीबीआई पर तंज कसते हुए ट्वीट किया- तेते हैं! तोतों का क्या!

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