मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा है. शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था. साढ़े तीन साल से उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी.
विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने क्यों दिया इस्तीफा?
विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने अपने इस्तीफे में लिखा, "आज भारी मन से बीजेपी की सदस्यता एवं विशेष आमंत्रित सदस्य प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं." उन्होंने इस्तीफा पत्र के माध्यम से बताया कि पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग में मेरे जैसे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नवागत भाजपाई करते रहे और यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि हमने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में पूरी ईमानदारी से काम किया जिससे पार्टी को सफलता भी मिली.
वीरेंद्र रघुवंशी ने अपने इस्तीफे में लिखा, "मुझे पार्टी में नजर अंदाज किया जा रहा था. मैंने अपनी पीड़ा शीर्ष नेतृत्व को बताना चाही, लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया. मैंने जब से बीजेपी ज्वाइन किया, तब से पूरी इमानदारी के साथ पार्टी के लिए काम कर रहा था."

बीजेपी विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का इस्तीफा पत्र
क्विंट हिंदी
इस दौरान वीरेंद्र रघुवंशी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़े आरोप लगाए. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी भ्रष्टाचार करने में संलिप्त हैं. शिवपुरी और कोलारस विधानसभा में भ्रष्ट अधिकारियों की पोस्टिंग की जा रही है, ताकि वे विकास के काम में रुकावटें पैदा कर सकें.
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी भड़के रघुवंशी
वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जुबानी हमला करते हुए विधायक ने कहा कि सिंधिया जी ने यह कह कर कांग्रेस की सरकार गिराई थी कि किसानों का दो लाख का कर्ज माफी नहीं किया जा रहा. लेकिन अब बीजेपी सरकार में कर्ज माफी तो दूर आजतक कर्ज माफी पर बात भी नहीं हुई है.
विधायक वीरेंद्र रघुवंशी बीजेपी में अपने ही लोगों से परेशान नजर आ रहे हैं. इससे पहले भी कई बार उनका दर्द छलका है. मंच से बिना नाम लिए कई बार उन्होंने अपने लोगों पर काम न करने के आरोप लगाए हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने के बाद वीरेंद्र रघुवंशी सिंधिया समर्थकों से काफी नाराज दिखाई दिए थे. बता दें कि वीरेंद्र रघुवंशी 2018 में कोलारस विधानसभा से लगभग 750 वोटों से चुनाव जीते थे.
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