शराब नीति मामले (Liquor Policy) में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि सबूतों की श्रृंखला पूरी तरह से स्थापित नहीं हुई है. कोर्ट ने यह भी पूछा गया कि खुद इस मामले में आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के अलावा सिसोदिया के खिलाफ सबूत कहां हैं?
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि एजेंसियों ने जो मामला बनाया है वह यह है कि पैसा मनीष सिसोदिया को मिला था लेकिन यह पैसा तथाकथित शराब समूह से उन तक पहुंचा कैसे?
कोर्ट ने कहा कि, जमानत याचिका पर आगे की सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी.
कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या कथित मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि को सिसोदिया से जोड़ने का कोई संकेत है?
अदालत ने टिप्पणी की, "आप तथ्यात्मक और कानूनी रूप से सिसोदिया द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग को कैसे साबित करेंगे? ..."
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