सिक्किम के कद्दावर नेता और 25 साल तक मुख्यमंत्री रहे पवन चामलिंग को बड़ा झटका लगा है. चामलिंग की पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 10 विधायकों ने एकसाथ बीजेपी में एंट्री कर ली. इस तरह बीजेपी सिक्किम विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है.
ये सभी विधायक बीजेपी की सदस्यता लेने के लिए दिल्ली स्थित बीजेपी के हेडक्वार्टर आए थे.
एसडीएफ के दस विधायकों के दल का नेतृत्व दोरजी शेरिंग लेपचा कर रहे थे. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव राम माधव ने सभी को सदस्यता दिलाई.
एसडीएफ छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों के नाम: उग्येन शेरिंग ग्यात्सो, नरेंद्र कुमार सुब्बा, दिल्ली राम थापा, करमा सोनम लेपचा, कृष्ण बहादुर राय, ताशी थेंदुप भूटिया, फरवंती तमांग, पिंटसो नामग्याल लेपचा और राज कुमारी थापा बीजेपी में शामिल हुए हैं.
बता दें कि सिक्किम विधानसभा में बीजेपी के पास एक भी सीट नहीं थी. एसडीएफ के 10 विधायकों के आने के बाद अब बीजेपी को मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा मिल गया है.
राम माधव ने विधायकों के विलय के बाद कहा कि एसडीएफ के दो-तिहाई विधायकों के हमारे साथ आने के बाद के हम मुख्य विपक्षी पार्टी बन गए हैं और हम एक रचानत्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे.
‘‘ये पहली बार हुआ है कि सिक्किम का इतना बड़ा धड़ा एक साथ किसी राष्ट्रीय पार्टी के साथ जुड़ा है. ये राज्य के हित में उठाया गया एक कदम है क्योंकि कोई भी क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय पार्टी पर निर्भर करती है.’’दोरजी शेरिंग लेपचा
पीएम मोदी की तरफ युवाओं का झुकाव: लेपचा
सिक्किम में बीजेपी को मजबूत करने की बात करते हुए दोरजी शेरिंग लेपचा ने कहा कि ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ की वजह से सिक्किम के युवाओं का झुकाव पीएम मोदी की तरफ है. लेपचा ने केंद्र के धारा 370 हटाने के फैसले की तारीफ भी की. लेपचा ने कहा कि वो सिक्किम में बीजेपी को मजबूत करने का काम करेंगे और ग्रासरूट लेवल पर काम करेंगे. सिक्किम का युवा बीजेपी के साथ है.
2019 में खत्म हुआ SDF का 25 साल का राज
अप्रैल 2019 में हुए सिक्किम विधानसभा चुनाव में एसडीएफ के लगातार 25 साल के राज का अंत हुआ था. एसडीएफ के नेता पवन चामलिंग 25 सालों तक सिक्किम के सीएम रहे. सिक्किम के आखिरी विधानसभा चुनाव में एसडीएफ ने 15 सीटें जीती थीं और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने 17 सीटें जीतकर एसडीएफ को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था.
सत्ता से बाहर होने से पहले पवन चामलिंग ने पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम ज्योति बसु को पछाड़कर देश के सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. ज्योति बसु 23 साल तक सीएम रहे थे.
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