महाराष्ट्र के सिंचाई घोटाले में एनसीपी नेता अजित पवार को क्लीनचिट मिलने संबंधी खबरों को एंटी करप्शन ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल परमबीर सिंह ने खारिज कर दिया है. परमबीर सिंह ने कहा है कि आज जो भी मामले बंद किए गए हैं, उनसे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कोई संबंध नहीं है.
महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर जो लिस्ट सर्कुलेट की जा रही है उन मामलों में से कोई भी मामला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ कथित रूप से सिंचाई भ्रष्टाचार के मामले से संबंधित नहीं है.
एंटी करप्शन ब्यूरो ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को बताया कि उसने राज्य की नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है. एजेंसी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि ये मामले उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं.
एसीबी ने यह सफाई विपक्षी कांग्रेस के इस दावे के बाद दी कि दो दिन पहले सरकार बनाने में बीजेपी की मदद करने की वजह से अजित पवार को ‘‘दोषमुक्त’’ कर दिया गया है.
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि 2013 में हुए सिंचाई घोटाले से जुड़े ऐसे किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है जिनमें कथित तौर पर अजित पवार का नाम है.
महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक परमबीर सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, ‘हम सिंचाई संबंधी शिकायतों में लगभग 3000 टेंडर्स की जांच कर रहे हैं. जो केस बंद किए गए हैं, वे रूटीन इन्क्वायरी से संबंधित थे. बाकी सभी मामलों में जैसे जांच चल रही थी, वैसे ही चल रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)