उत्तर प्रदेश के चंदौली (Chandauli) में 19 साल की लड़की की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत के बाद एक बार फिर यूपी पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. इसका कारण है कि परिजनों ने पुलिस पर ही हत्या का आरोप लगाया है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी पुलिस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि पुलिस ने जाति के आधार पर घटना की है और खुद पुलिस पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए.
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष राम स्वरूप यादव की मूर्ति अनावरण करने लखनऊ के मोहनलालगंज पहुंचे अखिलेश यादव ने चंदौली की घटना पर कहा कि "पुलिस ने जानबूझकर घटना की है, पुलिस ने जाति के आधार पर ये घटना की है"
"वहां के इंस्पेक्टर या पुलिस के लोगों ने डराने के लिए ये किया है. अगर लड़की की जान गई है तो इन पुलिसवालों पर 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, इन्हीं की वजह से जान गई है"अखिलेश यादव
स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के द्वारा अस्पतालों के दौरे पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को दौरा नहीं करना चाहिए, उन्हें जिन अस्पतालों की व्यवस्था ठीक करनी है उसके लिए बजट उपलब्ध करवाना चाहिए. अगर केजीएमयू, लोहिया, सिविल और बलरामपुर हॉस्पिटल में नहीं होगा तो क्या होगा. अगर राजधानी के अस्पतालों का ये हाल तो देश के अन्य हॉस्पिटल का क्या हाल होगा.
'केवल डराने के लिए चल रहा है बुलडोजर'
अखिलेश यादव ने बुलडोजर के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि बुलडोजर सिर्फ डराने के लिए चलाया जा रहा है. हमनें पहले भी कहा है कि ये सरकार संविधान के नियमों और कानूनों को नहीं मानती. ये बात अब साबित हो गई है.
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बुलडोजर चलना ही है तो भारतीय जनता पार्टी अपने नेताओं के घर-मकान पर क्यों नहीं चला रहे हैं.
चंदौली की घटना पर बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि
पुलिस ने जानबूझकर और जाति के आधार पर घटना को अंजाम दिया है. वहां के जो पुलिस के लोग हैं, उन्होंने डराने के लिए ये घटना की है. इन पुलिस वालों पर 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि इन्हीं की वजह से जान गई है.
जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव करती है बीजेपी सरकार-अखिलेश यादव
लाउडस्पीकर के सवाल पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये लोग पहले कह रहे थे कि हम केवल मुसलमानों के लाउडस्पीकर हटाएंगे लेकिन ये तो अपने भी लाउडस्पीकर हटा दिए. बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री खुद को हिंदूवादी सरकार बोलते हैं, लेकिन इन्होंने मंदिरों के भी लाउडस्पीकर हटा दिए. ये लोग जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं. लाउडस्पीकर हटाने वाली सरकार बताए कि नवजवानों को नौकरी और रोजगार कब देगी.
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