लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी गठबंधन के प्रदर्शन पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती के असंतोष व्यक्त किए जाने के बाद एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि सब जानते थे कि फरारी और साइकिल के बीच मुकाबले में फरारी जीत जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेगी. अखिलेश यादव ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार पर कहा कि यह लड़ाई दूसरे किस्म की थी, जिसे वह समझ नहीं पाए.
'सब जानते थे कि फरारी जीत जाएगी'
आजमगढ़ से सांसद चुने जाने के बाद जनता का धन्यवाद करने आये अखिलेश ने एक जनसभा में कहा, "हम और बहुजन समाज पार्टी मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे". उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में फरारी कार और साइकिल के बीच मुकाबला था. सब जानते थे कि फरारी जीत जाएगी. लोकसभा चुनाव मुद्दों पर नहीं हुआ, वह तो कुछ और ही बातों पर हुआ है."
अखिलेश ने इशारों में एसपी की हार का ठीकरा मीडिया के सिर फोड़ते हुए कहा, “बताइए हर दिन टीवी पर कौन दिखता था, किसका टीवी था? वे हमारे दिमाग में टीवी और मोबाइल से खेले. यह अलग किस्म की लड़ाई थी, हम इस लड़ाई को नहीं समझ पाए. जिस दिन हम इस लड़ाई को समझ जाएंगे उस दिन जीत जाएंगे.”
'हार के बाद भी हौसला बरकरार'
अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी भले ही चुनाव हार गयी हो, लेकिन हम विरोधी दलों को चुनौती देते हैं कि वे अपनी सरकार में कराये गये विकास कार्य और हमारी सरकार के विकास कार्यों की तुलना कर लें. उनका काम नहीं टिक पायेगा. अखिलेश ने कहा कि विरोधी काफी ताकतवर हैं लेकिन सामाजिक गठबंधन के जरिए उन्हें मात देने की कोशिशें लगातार जारी रहेगी. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया. साथ ही यह दावा किया कि पार्टी को भले ही हार मिली हो, लेकिन उसका हौसला अभी भी बरकरार है.
आजमगढ़ में अखिलेश यादव की जनसभा से पहले, एसपी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा था कि पार्टी बीएसपी के 'आधिकारिक रुख' का इंतजार कर रही है कि गठबंधन जारी रखना है या नहीं.
मायावती ने जताई गठबंधन से नाराजगी
इससे पहले लोकसभा चुनाव नतीजों की समीक्षा करते हुए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को लेकर बड़ा बयान दिया. मायावती ने कहा कि बीएसपी को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने का कोई फायदा नहीं मिला. मायावती ने दावा किया कि यादव वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हुआ. इसलिए अब गठबंधन की समीक्षा की जाएगी. मायावती ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष यादवों तक का वोट बंटने से नहीं रोक पाए. यादवों ने बीजेपी को वोट किया और यही वजह रही कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी को भी चुनाव नहीं जिता पाए.
(इनपुट : PTI)
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