अब तकरीबन तय है कि बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह, मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे. गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वघानी ने तो बकायदा तस्वीर शेयर कर बधाई भी दे दी है. ऐसी अटकलें हैं कि अमित शाह को वित्त मंत्री का पद दिया जा सकता है.
बतौर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी को तकरीबन ‘अजेय’ बना दिया है. शतरंज खेलने से लेकर क्रिकेट देखने और संगीत में गहरी रुचि रखने वाले 54 वर्षीय अमित शाह को राजनीति का माहिर रणनीतिकार माना जाता है. इस बार के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल, नॉर्थ ईस्ट, ओडिशा और दक्षिण भारत में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए उनकी सफल रणनीति को श्रेय दिया जा रहा है.
इस तरह शुरू हुआ था शाह का राजनीतिक सफर
मुंबई में जन्मे अमित शाह सोलह ने शाह साइंस कॉलेज से बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री कंप्लीट की. पढ़ाई पूरी करने के बाद अमित पिता के बिजनेस में उनका हाथ बंटाने लगे. इसके साथ ही वे स्टॉक ब्रोकिंग का भी काम करने लगे. इनकी पत्नी का नाम सोनल शाह है, जिनसे इनके बेटे जय शाह का जन्म हुआ.
अमित शाह ने पहली बार 1991 के लोकसभा चुनाव में गांधीनगर में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का चुनाव प्रबंधन संभाला था. मगर उनके बूथ प्रबंधन का 'करिश्मा' 1995 के उपचुनाव में तब दिखा, जब साबरमती विधानसभा सीट पर तत्कालीन उपमुख्यमंत्री नरहरि अमीन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे यतिन ओझा का चुनाव प्रबंधन उन्हें सौंपा गया.
खुद यतिन कहते हैं कि शाह को राजनीति के सिवा और कुछ नहीं दिखता. शाह के करीबी बताते हैं कि वह पारिवारिक और सामाजिक मेल-मिलाप में वह बहुत कम वक्त जाया करते हैं. शाह को कार्यकर्ताओं की अच्छी परख है और वह संगठन और प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं.
सरखेज से पहली बार बने विधायक
शाह ने पहली बार सरखेज से 1997 के विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमाई थी और तब से 2012 तक लगातार पांच बार वहां से विधायक चुने गए. सरखेज की जीत ने उन्हें गुजरात में युवा और तेजतर्रार नेता के तौर पर स्थापित किया था.
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