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अडानी मुद्दे में बीजेपी के पास कुछ छिपाने और डरने लायक नहीं- अमित शाह

Amit Shah ने कहा- संसद में नियमों के हिसाब से बहस करनी होती है, संसदीय भाषा में करनी होती है.

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने समाचाए एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कारोबारी गौतम अडानी से लेकर 2024 लोकसभा चुनाव तक कई मुद्दों पर चर्चा की. अडानी से जुड़े मुद्दे पर बात करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि

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सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है. कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा, लेकिन इस पर बीजेपी के लिए कुछ छुपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है.

2024 के लोकसभा चुनाव पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा-

2024 में कोई स्पर्धा नहीं है, देश एकतरफा मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है. देश की जनता को तय करना है अभी तक तो लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का लेबल जनता ने किसी को नहीं दिया है.

अमित शाह ने G- 20 का जिक्र करते हुए में कहा कि, "अगर मोदी जी के समय में G-20 का नेतृत्व भारत को मिला है और G-20 यशस्वी तरीके से संपन्न होता है तो इसका यश मोदी जी को मिलना ही चाहिए. क्यों न मिले?...अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए"

संसद में हंगामे पर अमित शाह

संसद में नियमों के हिसाब से बहस करनी होती है, संसदीय भाषा में करनी होती है.

PFI पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा- PFI कैडर पर कई मामले थे, उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका. हमने PFI को सफलतापूर्वक बैन किया. PFI देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था. आतंकवाद का एक प्रकार से सामग्री तैयार करने का काम वे लोग कर रहे थे.

अमित शाह से जब शहरों के नाम बदलने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा- एक भी शहर ऐसा नहीं है जिसका पुराना नाम न हो और बदला है. इसपर बहुत सोच समझकर हमारी सरकारों ने फैसले लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है.

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