संसद में कामकाज के दौरान सांसद अक्सर आक्रामक रुख अपनाते हैं. सांसदों की ऐसी हरकतों की वजहों से कई बार सदन में कामकाज को भी रोकना पड़ जाता है. सांसद के भीतर आक्रामकता पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सांसदों को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने साथियों या पार्टियों को व्यक्तिगत तौर पर निशाना नहीं बनाना चाहिए बल्कि मुद्दों पर ‘आक्रामक' होना चाहिए.
सिर्फ बयानबाजी से बचने की सलाह
जेटली ने सभी सांसदों को सलाह दी कि सिर्फ बयानबाजी से बचना चाहिए, क्योंकि जो लोग दूसरों के खिलाफ अपने आरोप साबित करने में नाकाम रहते हैं, अक्सर अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं.
संसद के केंद्रीय कक्ष में सांसदों और विधायकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा-
“संसद में हंगामे को मीडिया में ज्यादा कवरेज मिलता है वहीं सदन में गंभीर चर्चा को कम स्थान मिलता है. संसद में चर्चा के दौरान जब किसी सांसद द्वारा किसी अन्य सांसद पर निजी रूप से निशाना साधा जाता है तो एक छोटे तबके को यह अच्छा लगता है. लेकिन यह गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए.”
सार्थक बहस पर जोर देने की सलाह
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज दुनिया भर की संसदों में बहस में विषय पर जोर दिया जाता है न कि किसी व्यक्ति पर. वित्त मंत्री ने कहा कि सेंट्रलाइज टैक्स में सभी राज्यों को बराबर का हिस्सा मिलता है और जो लोग इसके बारे में कोई अन्य दावा करते हैं, वे सिर्फ झूठा प्रचार कर रहे हैं.
उन्होंने सांसदों से कहा कि वे चर्चा वाले विषयों में अपने विचार को मजबूत बनाने के लिए ज्यदा से ज्यादा रिसर्च करें. साथ ही सदन के भीतर उपयोगी मुद्दों पर सार्थक बहस करें.
(इनपुटः PTI)
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