ADVERTISEMENTREMOVE AD

Election Result 2022: मोबाइल रिपेयर वाले ने मौजूदा सीएम चन्नी को कैसे हराया?

साफ तौर पर मतदाता साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले विधायकों की तलाश कर रहे थे.

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

ये जो इंडिया है ना... यहां पंजाब (Punjab) के लोगों ने इंडिया की नेशनल पार्टीज को एक मैसेज भेजा है. और ये एक बहुत ही साधारण मैसेज है - अपनी गद्दी, अपनी सीट को हल्के में मत लीजिए. पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) में हारने वालों की लिस्ट देखिए- अकाली दल के शीर्ष नेता प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल हार गए. अमरिंदर सिंह हार गए. नवजोत सिंह सिद्धू महीनों सुर्खियों में रहे, लेकिन हार गए. दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे सीएम चरणजीत चन्नी दोनों जगह हार गए. आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल की, जो कि पंजाब विधानसभा की 80% सीटें हैं.

लेकिन सवाल ये है कि क्यों. AAP क्यों जीती? इसका एक बड़ा कारण है - निराशा और नाराजगी - उन लोगों के प्रति जिन्होंने दशकों तक पंजाब पर शासन किया - कांग्रेस, अकाली और बीजेपी. भ्रष्टाचार हो, लड़ाई-झगड़ा हो, लोगों के जीवन की बेहतरी के लिए काम नहीं करना हो, मतदाताओं को लगा कि ये पार्टियां इन सभी अपराधों के लिए दोषी हैं. इसलिए, जब कोई विकल्प सामने आया, तो उन्होंने उसे चुना. AAP को अपनी बड़ी जीत का श्रेय लेना चाहिए, वहीं पंजाब के मतदाता की हताशा भी इसकी बड़ी वजह है.

0

उदाहरण के लिए, AAP उम्मीदवार लाभ सिंह उगोके को देखिए, जिन्होंने भदौर में चन्नी को 37,500 वोटों से हराया. लाभ सिंह एक मोबाइल रिपेयरिंग की शॉप चलाते थे, उनके पिता एक ड्राइवर थे, उनकी मां सरकारी स्कूल में एक सफाई कर्मचारी थीं. वो एक पारंपरिक नेता नहीं थे, उनके पास कोई पैसा या बाहुबल नहीं था, और फिर भी उन्होंने मौजूदा मुख्यमंत्री को हराया. यहां तक कि चन्नी खुद पंजाब के पहले दलित सीएम थे, उन्होंने भी उनकी मदद नहीं की, क्योंकि मतदाता बस कांग्रेस को नहीं चाहते थे और वे अकालियों और बीजेपी को तो और भी नहीं चाहते थे - उन दोनों पार्टियों ने मिलकर सिर्फ 6 सीटें जीती हैं. और कैप्टन अमरिन्दर सिंह, जिन्होंने कांग्रेस छोड़ अपनी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई, पटियाला के महाराजा... को पटियाला ने ही खारिज कर दिया, वो वहां लगभग 20,000 वोटों से हार गए! उनकी पार्टी...कोई सीट नहीं जीत पाई.

फिर, अमृतसर को देखिए, जहां जीवन ज्योत कौर ने पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिद्धू और शीर्ष अकाली नेता और सुखबीर बादल के बहनोई बिक्रम सिंह मजीठिया को हराया. अब, जीवन ज्योत कौर कौन है? एक मेंस्ट्रुअल हाइजीन एक्टिविस्ट, जिन्हें 'पंजाब की पैड वुमन' के रूप में भी जाना जाता है. फिर से, मतदाताओं ने लोगों की सेवा में लगे शख्स के लिए राजनीतिक प्रतिष्ठा, धन और बाहुबल को अस्वीकार कर दिया.

एक और दिलचस्प AAP विजेता गैरी बिरिंग हैं जो अमलोह से जीते. ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए, बिरिंग सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के बच्चों के लिए अस्थायी स्कूल और लाइब्रेरी चलाते थे. वो भी, पहली बार नेता बने हैं साफ तौर पर मतदाता साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले विधायकों की तलाश कर रहे थे

और इसे AAP समर्थक वीडियो समझने की गलती मत कीजिएगा. कल अगर AAP इस चुनाव से सीखे सबक भूल जाती है, तो पंजाब के पूर्व नेताओं की गलतियों को दोहरा सकती है. एक साधारण नियम है जो केजरीवाल, भगवंत मान और AAP को याद रखना चाहिए - कि ये जो इंडिया है ना... यहां पर, अपनी गद्दी को हल्के में मत लीजिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×