अयोध्या में भव्य राम मंदिर के 'भूमिपूजन' समारोह के दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि देश ने हमेशा विविधता में एकता की विरासत को बरकरार रखा है. ममता ने ट्वीट किया, "हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई! मेरा भारत महान, महान हमारा हिंदुस्तान." उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा विविधता में एकता की सदियों पुरानी विरासत को बनाए रखा है. ममता ने कहा, "हमें अपनी आखिरी सांस तक इसकी जरूर रक्षा करनी चाहिए."
अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते राम: राहुल गांधी
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के मौके पर देशभर के नेताओं का बयान आ रहा है. इसी मौके पर अब राहुल गांधी का भी बयान आया है. राहुल गांधी ने ट्विट कर राम के कई सारे गुण गिनाए. राहुल गांधी ने कहा, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं. वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं. उन्होंने आगे लिखा, राम प्रेम हैं- वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते. राम करुणा हैं- वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते. राम न्याय हैं- वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते.
PM के हाथों शिलान्यास धर्मनिरपेक्षता की हार-ओवैसी
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के अयोध्या जाकर राम मंदिर का शिलान्यास करने पर सवाल उठाए हैं. ओवैसी ने कहा कि ऐसा करके पीएम ने अपनी शपथ की अवहेलना की है. राम मंदिर को लेकर ओवैसी पहले भी पीएम मोदी पर सवाल उठा चुके हैं. लेकिन इस बार जब पीएम ने राम मंदिर की आधारशिला रखी तो ओवैसी ने इसे लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया.
“भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. प्रधानमंत्री ने राम मंदिर की आधारशिला रखकर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है. ये वो दिन है जब लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता हार गई है और हिंदुत्व जीता है. पीएम ने कहा कि वो भावुक हैं. मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं, क्योंकि मैं सभी को साथ लेकर चलने और नागरिकता की समानता को लेकर चलता हूं. मिस्टर प्राइम मिनिस्टर मैं इसलिए भी भावुक हूं क्योंकि वहां एक मस्जिद पिछले 450 सालों से थी.”असदुद्दीन ओवैसी
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वो आज भावुक हैं. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है. हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है.
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