बिहार (Bihar) की राजनीति में बहुत बड़ा उलटफेर हुआ है. प्रदेश में NDA की सरकार में फूट पड़ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है. वह आज शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. इससे पहले उन्होंने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा था.
सूत्रों के मुताबिक- विधायकों के साथ बैठक में नीतीश ने कहा कि ये गठबंधन अब अस्तित्व में नहीं रहा. बैठक में नीतीश ने अपने विधायकों को विस्तार से बताया कि कैसे बीजेपी उन्हें खत्म करने की कोशिश कर रही है.
वहीं जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया, "नये स्वरूप में नये गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए श्री नीतीश कुमार जी को बधाई. नीतीश जी आगे बढ़िए. देश आपका इंतजार कर कर रहा है.
JDU का बीजेपी पर बड़ा आरोप
इससे पहले नालंदा से सांसद कौशलेंद्र ने भी दावा किया है कि जेडीयू विधायकों को तोड़ने के लिए बीजेपी की ओर से प्रलोभन दिया गया था. विधायकों को बीजेपी की ओर से 6-6 करोड़ रुपए का ऑफर था.
यहां तक कि रविवार को जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा था कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमर को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल अपनाया गया. बाद में आरसीपी के रूप में फिर से चिराग मॉडल-2 लाया जा रहा था. लेकिन समय रहते जेडीयू ने इसे पहचान लिया. उन्होंने कहा था कि हम सब जानते हैं कि चिराग मॉडल किसका था. कहा गया कि उनका इशारा बीजेपी की ओर था.
दरअसल, 2020 में चिराग मॉडल के कारण जेडीयू ने जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ा वहां एलजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे. इससे जेडीयू को बड़ा झटका लगा था. यानी जेडीयू का कद छोटा करने की कोशिश 2020 में ही शुरू हो गई थी.
अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का छोटे दलों को खत्म करने की ओर इशारा वाली टिप्पणी से नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इन्हीं कारणों से नीतीश कुमार अब बीजेपी को सबक सिखाना चाहते हैं. अब वे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को सरकार में प्रमुख जिम्मेदारी देकर खुद सीएम पद पर रहते हुए बीजेपी को सबक सिखाएंगे. इसके लिए आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार रणनीति बनाएंगे.
पूरे मामले पर लालू यादव की नजर
इधर, आरजेडी के सूत्रों ने एएनआई से कहा है कि लालू यादव (Lalu Yadav) भी पल-पल के अपडेट्स पर नजर बनाए हुए हैं. हालांकि सब कुछ तेजस्वी यादव कर रहे हैं. उधर, बिहार में एनडीए गठबंधन में टूट के बाद बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक करने वाली है. इसके लिए पांच बजे का समय रखा गया है.
बिहार का सियासी समीकरण
चलिए अब बिहार का ताजा सियासी समीकरण समझ लेते हैं. बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. लेकिन आरजेडी के अनंत सिह के विधायक नहीं रहने से वर्तमान में 242 विधायक हैं. इनमें सबसे ज्यादा 79 विधायक आरजेडी के पास हैं. बीजेपी के पास 77 विधायक हैं. जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (ML) के 12 और जीतन राम मांझी के 4 विधायक हैं. इनके अलावा सीपीएम 2, सीपीआई 2, AIMIM के पास एक और निर्दलीय एक विधायक है. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का बहुमत होना चाहिए.
अगर नीतीश कुमार NDA छोड़ महागठबंधन में शामिल होते हैं तो भी आसानी से सरकार बन जाएगी. RJD के 79, जेडीयू के 45, कांग्रेस के 19, सीपीआई (ML) के 12, सीपीएम के 2, सीपीआई 2, AIMIM के एक विधायकों को मिलाकर कुल 160 विधायक हो जाएंगे. जो बहुमत के आंकड़े से करीब 38 ज्यादा है.
2014 में भी नीतीश ने छोड़ा था बीजेपी का साथ
इससे पहले नीतीश कुमार 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए थे. हालांकि, 2015 में सरकार बनने के बाद 2 साल बाद ही वे वापस एनडीए में आ गए. अब एक बार फिर कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ने का मन बना चुके हैं.
इनपुट: तनवीर आलम
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