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कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद बवाल, आज बंगाल में BJP का ‘काला दिन’

बीजेपी ने बंगाल में 12 घंटे का बंद बुलाया है.

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पश्चिम बंगाल में बीजेपी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. अब बीजेपी ने बंगाल पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सोमवार को बशीरहाट 12 घंटे का 'बंद' बुलाया है. दरअसल, रविवार को हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के शवों को अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय ले जाने से पुलिस ने रोक दिया था. इसी के विरोध में बीजेपी ने बंगाल में 12 घंटे का बंद बुलाया है.

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बंगाल के बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा, "पार्टी ने बशीरहाट और पूरे पश्चिम बंगाल में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. हम पूरे राज्य में काला दिवस मनाएंगे. पुलिस की भूमिका को लेकर बीजेपी कोर्ट जाएगी. फिलहाल हिंसा में मारे गए पार्टी कार्यकर्ताओं के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके घर पर ले जाया जा रहा है."

मैंने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह सीनियर अधिकारियों से बात करेंगे. पुलिस हत्याओं को रोक नहीं पा रही और अब हमें शवों का अंतिम संस्कार करने से रोक रही है.
राहुल सिन्हा, बीजेपी महासचिव

सिन्हा ने कहा, "हमें तीन स्थानों पर रोका गया है. मैंने पहले ही कहा है कि कोई भी मार्च नहीं होगा. हम शांतिपूर्ण तरीके से शवों को पार्टी कार्यालय ले जाएंगे ताकि दूसरे कार्यकर्ता उनके अंतिम संस्कार से पहले उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें."

वहीं हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, “हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार शवों को पार्टी कार्यालय ले जाना चाहते हैं, लेकिन ममता की पुलिस कह रही है कि अंतिम संस्कार गांव में ही होगा. अगर पुलिस रास्ते से नहीं हटते हैं तो अंतिम संस्कार सड़क पर ही होगा."

ताजा मामला क्या है?

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली इलाके में शनिवार को पार्टी के झंडे निकालकर फेंकने को लेकर बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी. बीजेपी ने दावा किया है कि इस झड़प में उनके पांच समर्थक मारे गए हैं. वहीं तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि उसके छह कार्यकर्ता लापता हैं.

रविवार को केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है किपिछले हफ्तों के दौरान राज्य में लगातार हिंसा जारी है, लगता है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और लोगों में भरोसा जगाने में राज्य की कानून मिशनरी नाकाम है.

एडवाइजरी में कहा गया, "ये सुनिश्चित कराने की सख्त सलाह दी जाती है कि कानून-व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं."

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