दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित जिलों के निकाय चुनावों में खासी सफलता मिली है. पार्टी को बीजेपी ने 132 वार्डों में से 53 सीटें मिली है. इसे पार्टी की बड़ी जीत मानी जा रही है. दक्षिण कश्मीर के चार आतंकवाद प्रभावित जिलों शोपियां, कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग जिलों में इस जीत से बीजेपी का 20 निकायों में से कम से कम चार पर कब्जा हो गया है.
हालांकि बीजेपी लद्दाख इलाके में खाता खोलने में नाकाम रही है. यहां 26 वार्डों में से कांग्रेस ने लेह म्यूनिसिपल कमेटी की 13 सीटों पर पर कब्जा कर लिया है. बगल के कारगिल जिले भी इसने पांच सीटें जीती हैं. वहीं जम्मू नगर निगम में बीजेपी वोटों की गिनती में बढ़त बनाए हुए है. जम्मू संभाग के दस जिलों में वोटों की गिनती अभी जारी है.
कांग्रेस के खाते में 28 सीटें
अब तक दक्षिण कश्मीर के जिन 94 वार्डों के नतीजे आ गए हैं. कांग्रेस को इनमें से 28 सीटों पर जीत मिली है. पार्टी का तीन नगरपालिकाओं पर कब्जा होगा. शोपियां जिले में बीजेपी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा जहां इसके उम्मीदवारों ने 12 वार्डों पर कब्जा किया. जिले के पांच वार्डों में चुनाव के लिए कोई नामांकन नहीं हुआ था.
13 साल बाद हुए चुनाव के आखिरी चरण में सिर्फ चार फीसदी वोटिंग
जम्मू-कश्मीर में इस बार 13 वर्ष बाद स्थानीय निकाय चुनाव कराए गए थे. चार चरणों में हुए चुनाव के लिए आखिरी चरण की वोटिंग 16 अक्टूबर को संपन्न हुई थी. जहां घाटी में सिर्फ 4.2 फीसदी लोगों ने ही अपने वोट डाले थे.
इससे पहले 8 अक्टूबर को पहले चरण में 83 वार्डों के लिए 8.3 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं 10 अक्टूबर को हुए दूसरे चरण में 3.4 फीसदी और 13 अक्टूबर को हुए तीसरे चरण के नगर निकाय चुनाव में भी महज 3.49 फीसदी वोटिंग हुई थी. आतंकवादियों और अलगाववादियों ने निकाय चुनावों के बहिष्कार की अपील की थी.
ये भी पढ़ें : यूथ बीजेपी में घमासान, पार्टी के अंदर ही अमित मालवीय पर आरोप
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)