मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम कर्मचारी को बल्ले से पीटने वाले विधायक आकाश विजयवर्गीय को बीजेपी की अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आकाश विजयवर्गीय ने बीते महीने नगर निगम के कर्मचारी की सरेआम बल्ले से पिटाई कर दी थी.
आकाश के इस व्यवहार से पूरे देश की सियासत में हलचल मच गई थी और पीएम मोदी ने भी इस घटना पर नाराजगी जाहिर की थी. पीएम मोदी ने BJP संसदीय दल की बैठक के दौरान साफ कर दिया था कि आकाश विजयवर्गीय का व्यवहार अस्वीकार्य है और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी.
आकाश विजयवर्गीय के व्यवहार पर पीएम मोदी ने जताई थी नाराजगी
निगम अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई किए जाने का जिक्र 'इंदौर की घटना' के रूप में करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, 'वह कोई भी हों, किसी के भी पुत्र हों, इस तरह का घमंड और व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.'
बताया गया कि प्रधानमंत्री ने आकाश विजयवर्गीय की टिप्पणी 'निवेदन, आवेदन, दनादन' का भी जिक्र किया, और कहा, 'यह किस तरह की भाषा है.?'
आकाश पर अब तक नहीं लिया गया कोई फैसलाः मध्य प्रदेश बीजेपी चीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाराजगी के बाद पार्टी ने आकाश विजयवर्गीय को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया है. हालांकि, उनके खिलाफ अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष और जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने पार्टी नेताओं से बातचीत की है, वह जल्द ही आकाश विजयवर्गीय को लेकर पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे.
क्या है पूरा मामला?
पहली बार विधायक चुने गए आकाश विजयवर्गीय, बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. बीते 26 जून को आकाश ने एक जर्जर घर को गिराने का विरोध करते हुए नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीट दिया था.
इस घटना को लेकर देशभर में हंगामा हुआ था. मीडिया में मामला तूल पकड़ने पर आकाश विजयवर्गीय को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, चार दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
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