तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने शनिवार को राज्य विधानसभा में खुलासा किया कि उनके पास भी कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं है. राव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के नए प्रारूप का जिक्र करते हुए कहा कि, जब मेरे खुद के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो मैं अपने पिता का प्रमाणपत्र कहां से लाऊंगा.
आदिवासी और गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाण पत्र लाएंगे
मुख्यमंत्री के तौर पर खासे लोकप्रिय, 66 वर्षीय KCR ने आगे कहा, “यह मेरे लिए भी चिंता की बात है. मैं गांव में अपने घर पर पैदा हुआ था. उस वक्त वहां कोई अस्पताल नहीं था. गांव के बुजुर्ग ही ‘जन्मनामा’ लिखते थे, जिस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं होती थी.”
“जब मैं पैदा हुआ था, हमारे पास 580 एकड़ जमीन थी और एक इमारत भी थी. जब मैं अपना जन्म प्रमाणपत्र पेश नहीं कर पा रहा तो दलित, आदिवासी और गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाणपत्र लाएंगे.”के.चंद्रशेखर राव,तेलंगाना के मुख्यमंत्री
हम अपने सिद्धांत से कभी समझौता नहीं करेंगे
दिन में दूसरी बार सदन में इस मुद्दे पर KCR ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति की अपनी कुछ प्राथमिकताएं और सिद्धांत हैं, जिनसे वह कभी समझौता नहीं करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि CAA की सबसे बुरी बात यह है कि ये भारतीय संविधान के मूल सिद्धांत के ही खिलाफ है. संविधान सभी नागरिकों से उनकी जाति, धर्म और पंथ से इतर समान व्यवहार करने का वादा करता है.
“कोई भी सभ्य समाज एक ऐसे कानून को स्वीकार नहीं करेगा, जो एक धर्म विशेष के लोगों को बाहर रखता हो.”के.चंद्रशेखर राव,तेलंगाना के मुख्यमंत्री
केसीआर ने कहा कि सदन इस मुद्दे पर पूरी तरह से बहस करने के बाद संकल्प पारित करेगा, ताकि पूरे देश को इस मामले में एक मजबूत संदेश दिया जा सके. यह मामला देश के भविष्य, इसके संविधान और दुनिया में उसके कद से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे कानून के कारण देश सम्मान खो रहा है. राव ने कहा, "हम इस देश का हिस्सा हैं और हम अपनी सीमा में रहकर जो कर सकते हैं, वो करेंगे और किसी से भी नहीं डरेंगे.”
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