कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दुर्भावनापूर्ण एजेंडा रखने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही चिदंबरम ने दावा किया है कि मौजूदा एनपीआर यूपीए सरकार के समय वाले एनपीआर से बिल्कुल अलग है.
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो वो 2010 के एनपीआर का स्पष्ट रूप से समर्थन करे और यह भी साफ करे कि वो इसे राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) से जोड़ने का इरादा नहीं रखती है.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ''मुझे खुशी है कि बीजेपी ने 2010 में शुरू हुए एनपीआर की एक वीडियो क्लिप जारी की है. कृपया इसे सुनिए. हम देश के सामान्य नागरिकों की बात कर रहे हैं. नागरिकता पर नहीं, निवास पर जोर है.''
चिदंबरम ने दावा किया, "बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार का व्यापक और दुर्भावनापूर्ण एजेंडा है. इसलिए उन्होंने जिस एनपीआर को मंजूरी दी है, वो खतरनाक और 2010 के एनपीआर के लिखित ब्यौरे और संदर्भ से अलग है.''
उन्होंने कहा, ''अगर बीजेपी का इरादा सही है तो सरकार बिना शर्त यह कहे कि वो 2010 के एनपीआर फॉर्म और उसकी रूपरेखा का समर्थन करती है और इसे एनआरसी से जोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)