अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई. इस बैठक में करीब एक दर्जन दलों के नेता पहुंचे. बैठक में विपक्षी दलों ने आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और क्षेत्रीय समग्र आर्थिक समझौते (आरसीईपी) पर बातचीत की. विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर देश के हालात पर चिंता जताई.
विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "देश एक ऐसे वक्त से गुजर रहा है, जहां हर व्यक्ति परेशान है. चाहे वो पढ़ा लिखा हो, अनपढ़ हो, मजदूरी करता हो, खेती करता हो, नौकरी करता हो या बिजनेस चलाता हो. यहां सब परेशान हैं. अगर कोई परेशान नहीं है तो बीजेपी नहीं है. क्योंकि उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है. जनता के पास पैसों की कमी है."
बेकारी और बेरोजगारी हर महीने बढ़ती जा रही है. पढ़े लिखे लोगों की बेरोजगारी सबसे ज्यादा बढ़ रही है. दुनिया में जितनी बेकारी है, उससे डबल हमारे देश में है. ये चिंता देशवासियों को खाए जा रही है.गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता
"अर्थव्यवस्था पर सरकार का कोई ध्यान नहीं"
देश की इकनॉमी पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'अर्थव्यवस्था पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. जीडीपी लगातार नीचे गिरती जा रही है. एक वक्त में हम दुनिया की टॉप-5 इकनॉमी में थे. प्राइवेट इंवेस्टमेंट 16 सालों में सबसे कम हो गया है. इंडस्ट्रियल ग्रोथ 1.1 पर पहुंच गया है. मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ माइनस पर पहुंच गई है. एनपीए 8 लाख करोड़ तक पहुंच गया. बैंक फ्रॉड के मामले बीजेपी सरकार में बहुत बढ़ गए हैं.'
सरकार ने आरबीआई से सवा लाख करोड़ रुपये लिए. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो अगले चार साल में रिजर्व बैंक भी खाली हो जाएगी.गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता ने ये भी कहा, 'जीएसटी के तहत पहली बार एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट पर टैक्स लगाया जा रहा है. ट्रैक्टर पर टैक्स लगाया गया, फर्टिलाइजर पर टैक्स लगाया गया. एक तरह से किसानों के लिए बिजली महंगी हो रही है. किसान को डीजल महंगा मिल रहा है. ऐसे में देश का किसान खुदकुशी न करे तो क्या करेगा.'
बता दें, कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और रणदीप सुरजेवाला बैठक में शामिल हुए. इनके अलावा आरएलएसपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, सीपीआई के महासचिव डी राजा, सीपीआई (एम) के टीके रंगराजन, आरजेडी नेता मनोज भी शामिल हुए.
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