केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी का पुनर्गठन किया है. जिसमें कांग्रेस के सभी नेताओं को सोसाइटी से बाहर कर दिया गया है. इस सोसाइटी से कांग्रेस नेताओं के बाहर होने के बाद लोग इसे कांग्रेस मुक्त नेहरू मेमोरियल सोसाइटी भी कह रहे हैं. इस सोसाइटी से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और करण सिंह को बाहर कर दिया गया है.
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष खुद पीएम नरेंद्र मोदी हैं. उपाध्यक्ष रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हैं. वहीं गृह मंत्री अमित शाह, प्रकाश जावडेकर और निर्मला सीतारमण भी इसकी सदस्य हैं.
इन लोगों को मिली जगह
नेहरू मेमोरियल की सोसाइटी से कांग्रेस नेताओं को निकालकर जिन्हें जगह दी गई है उनमें बीजेपी नेता अनिर्बन गांगुली, पत्रकार रजत शर्मा और सॉन्ग राइटर प्रसून जोशी के नाम शामिल हैं. इन्हें सोसाइटी के नए सदस्य के तौर पर चुना गया है. केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय ने ये फैसला लिया. मंत्रालय से जारी नोटिफिकेशन के बाद ये जानकारी सामने आई.
खड़गे बोले-अपने लोगों को किया शामिल
नेहरू मेमोरियल की सोसाइटी से बाहर किए जाने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी सब कुछ राजनीति से प्रेरित होकर कर रही है. उन्होंने कहा,
“यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार सब कुछ राजनीतिक तौर पर ले रही है. सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वो अपने लोगों को पैनल में शामिल करना चाहती है.”
अब नेहरू मेमोरियल सोसाइटी को कांग्रेस मुक्त करने के बाद एक बार फिर मोदी सरकार घिर सकती है. कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. वहीं सोसाइटी में जुड़ने वाले नए नामों पर भी बवाल मच सकता है. खड़गे ने इन्हें बीजेपी के अपने लोग बताकर बहस शुरू कर दी है.
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